राष्ट्रीय बाल आयोग ने कहा बाल श्रम कानून के नए बदलाव बेहतर

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राष्ट्रीय बाल आयोग ने कहा बाल श्रम कानून के नए बदलाव बेहतरgaonconnection

नई दिल्ली (भाषा)। पिछले दिनों संसद में पारित हुए बाल श्रम विरोधी संशोधित कानून में 14 साल से कम उम्र के बच्चों को अपने पारिवारिक व्यवसाय में काम की अनुमति दिए जाने को लेकर सामाजिक संगठनों की ओर से हो रही आलोचना के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने रविवार को कहा कि यह संशोधित अधिनियम 1986 के कानून से ‘बहुत बेहतर' है और अगर भविष्य में क्रियान्वयन के बाद इसमें कोई कमी पाई जाएगी जो वह सरकार को सुधार के लिए सुझाव जरुर देगा।

बीते 26 जुलाई को संसद में बाल श्रम निषेध कानून (संशोधन) अधिनियम-2016 को पारित किया गया। इसके अनुसार 14 साल से कम उम्र का बच्चा स्कूल की अवधि के पहले या बाद अपने परिवार के व्यवसाय में हाथ बंटा सकता है। बाल अधिकार कार्यकर्ता अधिनियम के इसी पहलू को लेकर आलोचना कर रहे हैं।

NCPCR के सदस्य यशवंत जैन ने कहा, ‘‘इस कानून के क्रियान्वयन के बाद कोई कमी दिखती है तो हम निश्चित रुप से इसमें सुधार का सुझाव सरकार को देंगे। देश की संसद ने एक कानून पारित किया है। पहले उसका क्रियान्वयन होने दीजिए।'' 

NCPCR के पूर्व सदस्य और ‘भारतीय विकास संस्थान' के अध्यक्ष डॉक्टर योगेश दुबे ने इस संशोधित कानून की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘14 साल से कम उम्र के बच्चों को पारिवारिक काम में लगाने की इजाजत देना बहुत ही निंदनीय है। अब इस कानून का खुलकर दुरुपयोग होगा। सरकार ने बाल मजदूरी को कानून का आवरण दे दिया है। हम लोग जल्द ही इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।''

 

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