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आप सरकार ने कपिल मिश्रा को मंत्री पद से हटाया, दो नये चेहरों को शामिल किया 

अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली (भाषा)। अरविंद केजरीवाल सरकार ने पार्टी नेतृत्व के साथ वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास के टकराव होने पर उनकी तरफदारी करने के कुछ दिन बाद जल मंत्री के पद से आज कपिल मिश्रा को हटा दिया।

पार्टी ने मंत्रिमंडल में दो नये चेहरे -सीमापुरी के विधायक राजेंद्र पाल गौतम और नजफगढ़ के विधायक कैलाश गहलोत को शामिल किया है। केजरीवाल नेतृत्व वाले कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या सात हो गयी है। हालांकि नए मंत्रियों को अभी कोई विभाग आवंटित नहीं किया गया है।

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मिश्रा को हटाने का फैसला किया गया। आप के 2015 में सत्ता में आने के बाद से जितेन्द्र सिंह तोमर, आसिम अहमद खान और संदीप कुमार के बाद आप से निकाले जाने वाले मिश्रा चौथे मंत्री हैं।

अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं को पानी का बढा हुआ बिल मिलने के बाद मिश्रा को हटाया गया है। घटनाक्रम के ठीक बाद मिश्रा ने दावा किया कि वह कथित घोटाले में आप के कुछ नेताओं की संलिप्तताओं का कल पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने कहा कि दिन में उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और कथित घोटाले के संबंध में उन्हें दस्तावेज सौंपे।

मिश्रा ने कहा, ‘‘फैसले के बारे में मुझे जानकारी नहीं दी गयी और मेरी जानकारी के अनुसार केजरीवाल ने यह फैसला एकतरफा लिया। कैबिनेट या राजनीतिक मामलों की समिति (आप की फैसला लेने वाली शीर्ष इकाई) इसमें शामिल नहीं थी।” मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने मिश्रा के दावों को खारिज किया है।

मिश्रा ने दावा किया कि दिल्ली के वह एकमात्र मंत्र्त्री थे जिनके खिलाफ सीबीआई जांच नहीं चल रही है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन पर चुटकी लेते हुए मिश्रा ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने अपनी बेटी या किसी रिश्तेदार को कोई लाभ नहीं पहुंचाया। मैंने शीला दीक्षित के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया।’’

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अनुसार, मिश्रा को इसलिए हटाया गया क्योंकि शिकायतें मिल रही थीं कि उपभोक्ताओं को पानी का बढ़ा हुआ बिल मिल रहा है और जहां नई पाइप लाइन बिछी थी वहां पर जलापूर्ति नहीं हो रही थी। इस घटनाक्रम के बाद कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, ‘‘मैं देश और स्वयंसेवकों को आश्वासन देना चाहता हूं कि हम परिणाम की परवाह किये बगैर भीतर और बाहर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। भारत माता की जय।”

विश्वास और मिश्रा दोनों ही ने पार्टी की हार के लिए ईवीएम के अलावा अन्य वजहें बतायी थीं। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के आंदोलन वाले दिनों को याद करते हुए विश्वास ने लिखा है, ‘‘दूसरा आंदोलन होने दें। हम थके नहीं हैं। अभी तक सत्ता का स्वाद नहीं चखा है, इसलिए जंतर मंतर के संघर्ष का उत्साह बरकरार है।”

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