लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर सबकुछ ठीक नहीं प्रतीत हो रहा। एक तरफ जहां अन्य राजनीतिक दल अपनी गोटियां बिछाने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनों को टिकट दिलाने की जद्दोजहद में जुटे हैं।
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह ने बुधवार को 325 प्रत्याशियों की सूची जारी की, जिसमें अखिलेश समर्थकों का टिकट काट दिया गया। मुलायम के इस कदम के बाद अखिलेश समर्थक विधायकों ने देर रात उनके आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। इनमें कैबिनेट मंत्री रामगोबिंद चौधरी, मंत्री अरबिंद सिंह गोप व पवन पांडेय सहित कई विधायक मौजूद थे। सपा सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश ने इन सबको किसी तरह से शांत कराया और कहा कि वह नेताजी से बात करेंगे कि जिन्होंने अच्छा काम किया है, उन्हें टिकट दिया जाए।
इस बीच, सपा अध्यक्ष द्वारा जारी सूची में अपने समर्थकों का नाम न होने से नाराज अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि घटनाक्रम से नाराज मुख्यमंत्री इस बैठक में कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकते हैं।
झांसी और महोबा के दौरे से बुधवार को लखनऊ लौटते ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सख्त तेवर अपना लिए। उन्होंने पटलवार करते हुए आवास विकास परिषद की उपाध्यक्ष व शिवपाल यादव की करीबी सुरभि शुक्ला को उनके पद से हटा दिया। इसके कुछ ही देर बाद उनके पति डॉ. संदीप शुक्ला को भी हटा दिया गया। डॉ. शुक्ला उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के सलाहकार पद पर तैनात थे। उन्हें बुधवार को जारी सूची में सुलतानपुर के सदर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया था।
दोनों को पीडब्ल्यूडी और सिंचाई मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव का करीबी माना जाता है। इसे मुख्यमंत्री द्वारा समर्थकों को टिकट न मिलने के चलते पलटवार माना जा रहा है। उधर, विधायकों की बैठक में मौजूदा हालात पर मंथन होगा। वहीं समर्थक विधायकों से राय लेकर अगले कदम को लेकर सहमति बनाई जाएगी।