लखनऊ। 108 और 102 एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को घटा कर 15 मिनट किया जाएगा। ये तय किया जाएगा कि इसी समय के भीतर एंबुलेंस जरूरतमंदों तक पहुंच जाए। एंबुलेंस मरीजों तक पहुंचने का समय पिज्जा पहुंचने के समय से अधिक न हो ये सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य से लेकर जिला स्तर तक रैपिड रिस्पांस टीम का गठन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग करेगा। किसी भी आपदा और महामारी के वक्त ये टीमें काम करेंगी।
भाजपा के लोक संकल्प पत्र को लेकर उत्तर प्रदेश में सेहत सुधारने की कोशिशों की शुरुआत हो गई है। राज्य भर में सभी 59 हजार ग्राम पंचायतों में नये सिरे से स्वास्थ्य उपकेंद्र सृजित करने की तैयारी है। अधिकांश ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं, मगर उनकी हालत खराब है। जिनको सुधारा जाएगा। जबकि करीब 12 हजार ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य उपकेंद्र है ही नहीं। वहां नये उपकेंद्र बनाए जाएंगे।
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भाजपा के लोकसंकल्प पत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के बड़े बड़े वादे किये गये हैं। जिसमें सबसे बड़ा वादा गांव गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए उपकेंद्रों को विकसित करने का है। जिसको लेकर स्वास्थ्य महानिदेशालय ने काम का आगाज भी कर दिया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरुण कुमार सिन्हा ने सोमवार की सुबह महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ पद्माकर सिंह और अन्य विभागीय अफसरों की बैठक ली। जिसमें भाजपा के लोकसंकल्प पत्र पर बिंदुवार चर्चा की गई। जिसके बाद में विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिवों की बैठक मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने ली। जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने लोक संकल्प पत्र को लेकर अपने रोडमैप का प्रस्ताव रखा। जिसमें कई अन्य सलाहें भी दी गईं।
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गांवों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उपकेंद्र बनाएंगे, आबादी में लेंगे जमीन
इस बारे में डीजी हेल्थ डॉ पद्माकर सिंह ने बताया कि, प्रत्येक गांव तक स्वास्थ्य सेवा को पहुंचाने के लिए हेल्थ सब सेंटर बनाए जाने हैं। वैसे तो प्रदेश में करीब दो लाख गांव हैं। मगर हम मानक प्रत्येक ग्राम पंचायत को लेंगे। करीब 59 हजार ग्राम पंचायतों में से 12 हजार के करीब पंचायतों में स्वास्थ्य उपकेंद्र नहीं है। करीब एक हजार लोगों की आबादी को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के लिए ये केंद्र होंगे। जिसको देखते हुए कहा जा सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित करीब 1.25 करोड़ ग्रामीणों के लिए ये उपकेंद्र लाभ देने वाले होंगे।
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20 मिनट नहीं 15 मिनट में आएगी एंबुलेंस
फिल्म थ्री इडियट में एक मशहूर संवाद है कि “ये तो हालत है पिज्जा 30 मिनट में आ जाता है मगर एंबुलेंस नहीं आती है।” मगर नई सरकार में पिज्जा और एंबुलेंस के आने का समय एक न हो, इसकी पूरी कोशिश होगी। 108 और 102 एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को घटाया जाएगा। डॉ पद्माकर पांडेय ने बताया कि रिस्पांस टाइम को पहले के मुकाबले पांच मिनट घटाया जाएगा। जिससे बहुत सी जिंदगी बचेंगी। इसके अलावा महामारी फैलने की दशा में त्वरित प्रक्रिया दल( क्विक रिस्पांस टीम) बनेगी। राज्य, मंडल और जिले स्तर पर इनका गठन होगा।
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