चेन्नई (आईएएनएस)। तमिलनाडु में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) में सुलह के प्रयास को मंगलवार को उस वक्त करारा धक्का लगा, जब पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने कहा कि यह तभी संभव है, जब शशिकला तथा उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने कहा कि यह शर्त अस्वीकार्य है।
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एआईएडीएमके के मंत्रियों द्वारा पन्नीरसेल्वम गुट के साथ वार्ता शुरू करने के एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने स्पष्ट किया कि सुलह तभी संभव है, जब शशिकला तथा उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। थेनी जिले के पेरीकुलम में पन्नीरसेल्वम ने कहा कि सुलह को लेकर तब तक कोई बातचीत संभव नहीं है, जब तक शशिकला तथा उनके परिवार के सदस्य पार्टी में हैं। उन्होंने कहा, ”हमारा रुख यही है कि शशिकला तथा उनके परिवार के सदस्य को पार्टी में नहीं होना चाहिए।”
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि एआईएडीएमके के संस्थापक दिवंगत एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) तथा दिवंगत जयललिता इस बात के खिलाफ थे कि पार्टी पर किसी परिवार का नियंत्रण हो। उन्होंने कहा कि इस मौलिक रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है, जिसके मुताबिक पार्टी तथा सरकार किसी परिवार के नियंत्रण में नहीं होनी चाहिए। जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके दो धड़ों में बंट गई थी। एक का नेतृत्व जेल में बंद पार्टी महासचिव शशिकला कर रही हैं, तो दूसरे का नेतृत्व पन्नीरसेल्वम कर रहे हैं।
पन्नीरसेल्वम के मुताबिक, एमजीआर ने जब एआईएडीएमके का गठन किया तो उन्होंने अपने भाई तक को पार्टी के कामकाज में कभी शामिल नहीं किया और 1987 में अपनी मौत तक तमिलनाडु में शासन किया। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जयललिता ने केवल शशिकला को पार्टी में शामिल किया था, उनके परिवार के किसी सदस्य को नहीं। इस पर शशिकला गुट ने पलटवार किया।
मुख्यमंत्री पलनीस्वामी ने कहा कि अगर पन्नीरसेल्वम इस तरह की शर्ते रखते हैं, तो आगे सुलह की वार्ता नहीं हो सकती। इस बीच, शशिकला गुट के विधायक वेतरिवेल ने सवाल किया कि पार्टी के उप महासचिव टी.टी.वी.दिनाकरण की सहमति के बगैर मंत्रियों का कोई समूह पार्टी के दोनों धड़ों को एक होने को लेकर चर्चा कैसे कर सकता है। उल्लेखनीय है कि सोमवार रात कई मंत्रियों ने पन्नीरसेल्वम के साथ सुलह पर विचार-विमर्श किया था। वेतरिवेल ने चेन्नई में संवाददाताओं से कहा कि मंत्रियों की बैठक ‘अनौपचारिक’ थी और पार्टी के कार्यालय में होने वाली बैठक ही ‘आधिकारिक’ होती है।
एआईएडीएमके के दोनों गुटों के बीच विवाद के कारण पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘दो पत्ती’ को निर्वाचन आयोग ने जब्त कर लिया था। इसे पाने के लिए आयोग को रिश्वत देने की पेशकश के मामले में दिल्ली पुलिस ने दिनाकरण के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है और उनके एक सहयोगी को भारी रकम के साथ गिरफ्तार किया है। अचानक घटी इस घटना के बाद सुलह के प्रयास तेज हो गए हैं।
निर्वाचन आयोग ने आरके नगर में 12 अप्रैल को होने वाला उपचुनाव भी रद्द कर दिया था, क्योंकि उसने पाया था कि मतदाताओं को रिश्वत के रूप में नकदी दी जा रही है। इस सीट पर दिनाकरण एआईएडीएमके के उम्मीदवार हैं। पन्नीरसेल्वम ने यह भी कहा कि जयललिता की मौत पर संदेह भी दूर होना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि अगर एआईएडीएमके एक होती है, तो क्या वह के. पलनीस्वामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहने देने को मंजूरी देंगे, पन्नीरसेल्वम ने कहा कि उन बातों पर चर्चा का कोई मतलब नहीं, जो कभी नहीं होने वाली। जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनाया गया था। बाद में शशिकला खुद मुख्यमंत्री बनना चाहती थीं, जिसके लिए उन्होंने पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया लेकिन ऐन वक्त पर जेल जाने के कारण उन्हें पलनीस्वामी को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा।
एआईएडीएमके के दोनों गुटों में एकता के लिए बेचैनी पाई जा रही है क्योंकि उन्हें लगता है कि अपने चुनाव चिन्ह दो पत्ती के बिना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के खिलाफ चुनाव लड़ना काफी दुष्कर होगा।
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