सतीश कश्यप
बाराबंकी। मुलायम परिवार और सपा में चल रहे घमासान के चलते जनपद में इस बार सपा कमजोर होती नजर आ रही है। चुनाव की तारीख घोषित हो जाने के बाद इस सपा का गढ़ कहे जाने वाले बाराबंकी में साइकिल पर मुहर लगाने वाले मतदाता पशोपेश में हैं।
जिले में इन दिनों सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी कैबिनेट मंत्री रहे अरविंद सिंह गोप और कांग्रेस पार्टी से सपा में वापसी करने वाले राजनेता बेनी प्रसाद वर्मा काफी चर्चा में हैं। रामनगर विधानसभा सीट से मौजूदा पार्टी के विधायक रहे गोप का बेनी बाबू ने टिकट कटवाकर वहां से अपने बेटे राकेश वर्मा को पार्टी से टिकट दिलवाया है। इसके चलते यहां सपा में दो फाड़ नजर आ रही है। मुलायम के करीबी और सपा की स्थापना के बाद से उनके साथी रहे बेनी बाबू अगर बिरादरी के वोट के आधार पर दिल्ली की सत्ता तक पहुंचे हैं तो छात्रनेता से अपना सफर शुरु करने वाले अरविंद सिंह गोप का अपना जनाधार है।
विशेष अधिवेशन से पहले मुख्यमंत्री के आवास पर हुई बैठक का संचालन भी गोप ने किया था, ऐसे में अखिलेश की अगुवाई वाली पार्टी में गोप को बड़ा रोल मिलना तय है, जिसका असर बाराबंकी में दिखेगा। सपा वाली सीट के अनुसार विधानसभा हैदरगढ़, कुर्सी, बाराबंकी व दरियाबाद से विधायकों और मंत्रियों की सीट सुरक्षित हैं। हैदरगढ़ से राममगन रावत, कुर्सी सीट से मंत्री रहे फरीद महफूज किदवई के अलावा दरियाबाद विधानसभा सीट से राजा राजीव सिंह सपा के उम्मीदवार हैं जबकी सबसे ख़ास बाराबंकी विधानसभा सीट से एक बार फिर सुरेश यादव उर्फ़ धर्मराज यादव को पार्टी ने टिकट देकर उनकी इज्जत बढ़ा दी है। हालांकि गुटबाजी और भीतरघात से बचना आसान नहीं होगा। पार्टी के जिला नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गोप के करीबी जैदपुर के सपा विधायक का भी टिकट कटवाया गया था। ऐसे में मुलामय-अखिलेश में नए समीकरणों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।