विधानसभा चुनाव में सपा को ‘धोखा’ देने वालों पर गिरेगी गाज़, पार्टी से होगी छुट्टी  

Samajwadi Party

लखनऊ। विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित हार के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव परिणामों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को उन्होंने फर्रूखाबाद, इटावा, औरैया, मैनपुरी, फिरोजाबाद, कन्नौज, एटा और कासगंज जिलों के प्रत्याशियों और प्रमुख नेताओं से मुलाकात की। विधानसभा चुनावों की समीक्षा में यह तथ्य उजागर हुआ है कि कुछ लोगों ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के विरूद्ध आचरण कर भाजपा को समर्थन दिया। ऐसे लोगों को जिन्होंने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों का विरोध कर अनुशासनहीनता की,उन्हें  चिन्हित किया जा रहा है। यह जानकारी समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने दी।

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उन्होंने बताया कि पार्टी संगठन को मजबूत बनाने के लिए अब युवा संगठनों सहित सभी फ्रंटल संगठनों और जिलाएवं  शहर इकाइयों को भी सक्रिय बनाने की कार्ययोजना बन रही है। इधर 15 अप्रैल से सदस्यता भर्ती की तैयारी भी जोर शोर से की जा रही है। राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव की छवि आज भी बेदाग हैं। उन्होंने अपने मुख्यमंत्रिकाल में विकास के जो कार्य किए उनकी प्रशंसा देश भर में हुई है। विधानसभा में भी विपक्षी नेताओं ने उनकी मुक्त कंठ से सराहना की थी। जनहित की तमाम योजनाएं लागू कर उन्होंने प्रदेश को विकास की नई मंजिलों पर पहुंचाया है। राज्य का पत्ता-पत्ता इस बात का गवाही देता है कि अखिलेश यादव का मुख्यमंत्री काल को स्वर्णिम काल कहा जा सकता है। करोड़ो नौजवान अखिलेश में अपना भविष्य देखते है। आज भी वे किसानों की आशा है।

अखिलेश का राजनीतिक व्यक्तित्व संघर्षों से तपकर निखरा

सपा के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश यादव का राजनीतिक व्यक्तित्व संघर्षों से तपकर निखरा है। वे डेढ़ दशक से राजनीति में सक्रिय है। सांसद और मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश की समस्याओं को गहराई से समझा है। उन्होंने प्रदेश के हर जनपद और गांव-गरीबों का जीवन देखा समझा है। उनका मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूर्णतया पारदर्शी, ईमानदार और लोकहितैषी रहा है। वे किसान, नौजवान, गरीब और अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए प्रयासशील रहे हैं। सांप्रदायिक और संकीर्ण तत्वों का उन्होंने डटकर विरोध किया है।

लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए संघर्ष जरूरी

राजेंद्र चौधरी ने कहा कि लोगों का मानना है कि आज की राजनीति में मूल्यों और आदर्शों की जगह छिछलापन प्रभावी हो गया है। इससे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए और संघर्ष करना जरूरी हो गया है। यह ऐसा समय है जब सामाजिक एकता और सद्भाव को बचाए रखने के लिए लोकतंत्र धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद से प्रतिबद्ध सभी लोगों को एकजुट होना होगा और भितरघाती तत्वों, सांप्रदायिक, विघटनकारी एवं भगवा राजनीति की साजिश के खिलाफ भी संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।

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