लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि प्रदेश में देश भक्त सरकार सोई हुई है। कहा जाता है कि मुख्यमंत्री जी तो 3-4 घंटे ही नींद लेते हैं, लेकिन उनकी सरकार के मंत्री तो दिन दहाड़े मुख्यमंत्री की बैठकों में भी सोते रहते है। अभी से सरकार ऐसी गहरी नींद में है कि वह विकास की ओर एक महीने में एक कदम भी नहीं बढ़ पाई है। भाजपा सरकार ने अब तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है।
राजनीति से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
सपा प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री द्रौपदी के अधूरे जिक्र से क्या बताना चाहते हैं। इतिहास-पुराण की कहानी सुनने में भले रोचक लगे लेकिन हकीकत में तो आज प्रदेश में महिलाओं की जो स्थिति है उस पर राज्य सरकार का रवैया असंवेदनशील बना हुआ है।
प्रदेश में ‘आशा कार्यकत्रियां, आंगनबाड़ी और रसोई बनाने वाली महिलाएं बदहाली की जिंदगी जी रही है। समाजवादी सरकार ने 55 लाख गरीब महिलाओं को पेंशन दी, उसे भाजपा सरकार ने रोक दिया। संविदा कर्मियों को महीनों वेतन नहीं मिलता है। राजधानी लखनऊ में ही रोज महिलाओं के साथ अपराध हो रहे है। लूट, हत्या, बलात्कार की घटनाएं थम नहीं रही है।
राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि चुनाव के दौर में और उसके बाद भी भाजपा ने प्रदेश में विकास के कई सपने दिखाए पर जमीन पर एक भी वादा पूरा होने वाला नहीं है। अपनी कोई उल्लेखनीय योजना लाने के बजाय पूरी भाजपा सरकार सिर्फ समाजवादी सरकार के कामों में गलतियां ढूँढ़ने में ही दिनरात लगी हुई है। इस सरकार का रवैया पूरी तरह बदले की भावना का है उनकी सारी गतिविधियां विद्वेषपूर्ण हैं। भाजपा नेता कहते तो हैं वे दिल्ली जा रहे हैं पर पहुंच जाते हैं नागपुर, यही उनकी रीतिनीति है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा राज पूरी तरह कंफ्यूज है। जनहित के कामों पर ध्यान देने के बजाय भाजपा ने तलाक-तलाक की ऐसी रट लगाई है कि उसने जनता को ही तलाक दे दिया है। लोकतंत्र की जो सामान्य मान्यताएं और मर्यादाएं हैं उसका भी पालन नहीं हो रहा है। छल कपट से सत्ता में भाजपा भले ही आ गई है पर अब उसकी पोल खुलने लगी है।
राजेंद्र चौधरी, मुख्य प्रवक्ता, समाजवादी पार्टी
उन्होंने कहा कि श्री अखिलेश यादव ने विकास को केंद्र में रखकर सरकार चलाई थी। बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गो के हित की योजनाएं लागू की थी। समाजवाद, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए समाजवादी पार्टी की प्रतिबद्धता है। जबकि भाजपा की प्रतिबद्धता जालफरेब की है।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।