भाजपा की जीत के साथ कर की दर पर होगी सबकी नज़र

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भाजपा की जीत के साथ कर की दर पर होगी सबकी नज़र

लखनऊ। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सत्ता में वापसी तय होने के साथ ही अब भाजपा के कर की दर में कमी और ब्याज मुक्त कृषि कर्ज के चुनावी वादे पर लोगों की नजर होगी। पूर्ण बहुमत के साथ राजग लगातार दूसरी बार सत्ता में आने की तैयारी में है।

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, इसके साथ पार्टी के ऊपर आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की चुनौती भी होगी। आठ अप्रैल को जारी भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र (चुनावी घोषणापत्र) में देश को 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के साथ पार्टी के विकास एजेंडा को रखा गया है।

देश की आर्थिक वृद्धि दर 2018-19 में सात प्रतिशत रही जो पांच साल का न्यूनतम स्तर है लेकिन मुद्रास्फीति कमोबेश नियंत्रण में है। कर की कम दर के साथ और ब्याज मुक्त कृषि कर्ज के अलावा पार्टी ने 60,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण, सभी गांवों को ग्रामीण सड़कों से जोड़ने, 100 नये हवाईअड्डों को परिचालन में लाने तथा 400 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक रूप देने का वादा किया है।

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पार्टी ने कहा था कि चुनाव जीतने पर मोदी की अगुवाई वाली उसकी सरकार किसानों को ब्याज मुक्त एक लाख रुपये तक का कर्ज देगी। साथ ही कृषि क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी। घोषणापत्र जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भाजपा भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने की दिशा में काम करेगी।

भाजपा ने यह भी कहा कि उसकी आर्थिक नीति कर की दर में कमी तथा अनुपालन में सुधार तथा इसके साथ कर दायरा बढ़ाने के सद्धिांत से निर्देशित होगी। घोषणापत्र में यह भी कहा गया था कि गरीब और किसानों के लिये सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाया जाएगा, सरकार देश में पूंजी निवेश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। पार्टी ने कहा, हम बुनियादी ढांचा क्षेत्र में वर्ष 2024 तक 100 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश करेंगे। हम इस बात को मानते हैं कि निवेश आधारित वृद्धि के लिये सस्ती पूंजी की जरूरत है।

भाजपा ने कहा, मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत के दायरे में रखकर और बैंक प्रणाली को बेहतर बनाकर हमने पूंजी की लागत में संरचनात्मक कमी की गुंजाइश बनायी है। इससे बुनियादी ढांचा निवेश को गति मिलेगी। घोषणापत्र में यह भी कहा गया था कि देश दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गयी है और जल्दी ही पांच बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में शामिल होगी।

   

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