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मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बताया ब्लैकमेलर , कहा- टेप से की छेड़छाड़

mayawati

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी में घमासान जारी है। बीसएपी प्रमुख मायावती ने पार्टी से निकाले गए नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उन्हें ब्लैकमेलर बताया है। मायावती ने कहा कि वो जो टेप सुना रहे हैं उससे छेड़छाड़ हुई है।

एक दिन पहले पार्टी से निकाले गए बीएसपी के दिग्गज नेता रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर गंभीर आरोप लगाए तो मायवती ने उन्हें ब्लैकमेलर करार दिया। लखऩऊ में पत्रकारों से बात करते हुए मायावती ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ चुनाव हारने का अहम कारण रहा मगर जो लोग जिम्मेदार हैं, उनका ख्याल रखना भी जरूरी है। चुनाव में हार के बाद मैंने इसका आकंलन किया। नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पश्चिमी यूपी का ये सोचकर प्रभारी बनाया था कि बीएसपी का कैडर तो वोट देगा ही और ये मुस्लिमों को जोड़ने का काम करेंगे लेकिन चुनाव बाद कई गंभीर बाते सामने आईं।

सुनिए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने जो टेप जारी किया उसमें क्या है

कार्यकर्ताओँ ने कहा नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बाहर निकालो- मायावती

मायावती ने कहा कि उन्होंने पश्चिमी यूपी का प्रभारी बनाया गया था ,लेकिन उन्होंने कार्यकर्ताओं और नेताओं को दबा-धमकाकर पैसे वसूले। मायावती ने कहा कि नतीजा आने के बाद संगठन के लोगों ने कहा कि हम आपसे कोई बात करना चाहते हैं। ये जो नेता हमारे ऊपर बैठाए हैं, उनमें बदलाव करना होगा। ऐसे लोगों को हटाना होगा। इस कार्यशैली से हम पीछे चले जाएंगे। नसीमुद्दीन सिद्दीकी बहुत बड़ा ब्लैकमेलर है। पैसा कमाता है। बहन जी को ये टेप सुना देंगे तो बहन जी पार्टी से निकाल देगी। वर्कर को साइड लाइन कर दिया था। उसको अपने हिसाब से काट छांट कर मीडिया के सामने लाया है। मैंने पूरी बात को सुना है। मैं आपको ये बताना चाहती हूं। वह कोई नई बात नहीं है।

दाढ़ी वाले मुसलमानों को मायावती ने कहा था कुत्ता, मुझसे मांगे थे 50 करोड़ : नसीमुद्दीन सिद्दीकी

लखनऊ। बसपा से निकाले गए एमएलसी नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज मायावती पर गंभीर आरोप लगाए। इसके साथ ही मायावती के साथ बातचीत का टेप जारी करके आरोपों का सबूत भी दिया। नसीमुद्दीन ने साथ लखनऊ में प्रेस वार्ता कर के उन्होंने कहा कि माया ने कम सीट मिलने पर दाढ़ी वाले मुसलमानों को कुत्ता कहा था। जबकि मुझसे 50 करोड़ रुपए नगद मांगे।उन्होंने कहा कि झूठ और फरेब के सहारे आरोप लगा कर किया गया है, उसका खुलासा भी रखूंगा। चुनाव के बाद मायावती ने मुझे बुलाया मेरे साथ में मेरा बेटा भी था। दिल्ली बुलाया गया।

मुझसे कहा कि मैं जानना चाहता हूं छिपाना नहीं चाहिये बताना चाहिये। सवाल किया कि मुसलमानों ने बीएसपी को वोट क्यों नहीं किया। मुसलमानों ने बीएसपी को वोट दिया। जब तक कांग्रेस और सपा का गठबंधन नहीं हुआ था तब मुसलमान ज्यादा था। मगर गठबंधन हो गया तो मुसलमान कन्फ्यूज हुआ और बंट गया। पहले से कमी आई। वह कहने लगीं कि मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं। ये बात उन्होंने 19 अप्रैल को बीएसपी कार्यालय में हजारों लोगों के सामने कही। हमने 1993 में सपा से गठबंधन किया। 1996 में कांग्रेस से गठबंधन किया। मुझे गुमराह कर रहे हो। उल्टा सीधा बोलने लगीं। पहले भी बोला। मगर कहा था कि भविष्य में नहीं बोलूंगी। मुसलमानों को गद्दार कहा। दाढ़ी वाले मुसलमानों को कुत्ता कहा था। किसी को इस तरीके से कहना है। मैंने एक मौलान से आपको नहीं मिलाया।

यहां पढ़िए नसीमु्द्दीन सिद्दीकी ने और क्या-क्या लगाए थे मायावती पर आरोप

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