नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए विधायक मुख्तार अंसारी को हिरासत में पैरोल देने के निचली अदालत के आदेश को आज दरकिनार कर दिया है।
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न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने अंसारी की पैरोल रद्द करने की मांग करने वाली निर्वाचन आयोग की याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने कहा, ‘‘(निर्वाचन आयोग की) याचिका को स्वीकार किया जाता है।” उत्तरप्रदेश के विधायक अंसारी ने राज्य की मऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए हाल ही में बसपा की सदस्यता ली है। अंसारी को चुनाव में प्रचार करने के लिए चार मार्च तक की हिरासत में पैरोल दी गई थी।
हालांकि उच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग की याचिका पर गौर करते हुए 17 फरवरी को इस आदेश के पालन पर रोक लगा दी थी। आयोग की याचिका में अंसारी की पैरोल को इस आधार पर रद्द करने की मांग की गई थी कि इससे वह वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले के गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। अंसारी पर इस मामले में मुकदमा चल रहा है।
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