फोर व्हीलर्स और टू व्हीलर्स के वीवीआईपी नंबर के लिए अब देना होगा अलग-अलग शुल्क

अब मोबाइल नंबर की तरह उत्तर प्रदेश के लोग अपनी गाड़ी का नंबर भी बदल सकेंगे। मोबाइल नंबर न पसंद होने पर लोग मोबाइल नंबर बदल देते हैं, लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटर यान नियमावली में ऐसा संशोधन किया है कि गाड़ी का नंबर न पसंद होने पर गाड़ी नंबर बदलना भी संभव है।
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लखनऊ। अब मोबाइल नंबर की तरह उत्तर प्रदेश के लोग अपनी गाड़ी का नंबर भी बदल सकेंगे। मोबाइल नंबर न पसंद होने पर लोग मोबाइल नंबर बदल देते हैं, लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटर यान नियमावली में ऐसा संशोधन किया है कि गाड़ी का नंबर न पसंद होने पर गाड़ी नंबर बदलना भी संभव है। ऐसा सरकार ने मोटर नियमावली की धारा 51 में बदलाव कर किया है।इस कानून के बाद अब लोग अपनी पूरानी गाड़ी के नंबर को नए गाड़ी के लिए भी उपयोग कर सकते हैं।

फोर व्हीलर्स और टू व्हीलर के लिए अलग अलग शुल्क

सरकार ने वीवीआईपी और इंटरेस्टिंग नंबर की शुल्क में भी बदलाव किया है। टू व्हीलर्स के लिए अलग शुल्क तो फोर व्हीलर के लिए अलग शुल्क देने का प्रावधान रखा गया है। फोर व्हीलर्स को एक लाख, 50 हजार, 25 हजार और 15 हजार की चार श्रेणियों में रखा गया है। टू व्हीलर्स के लिए 20 हजार,10 हजार, पांच हजार और तीन हजार की फीस तय की गई है।  

अधिनियम 200 की धारा में भी संशोधन को मंजूरी

कैबिनेट बैठक में मोटरयान अधिनियम 200 की धारा में भी संशोधन को मंजूरी दी गई। इसके तहत बिना नंबर प्लेट की गाड़ी होने पर पहले 300 रुपये जुर्माना देना पड़ता था अब 500 देना होगा। गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने पर अब 500 की जगह 1000 रुपये का जुर्माना देना होगा।वहीं, हेलमेट न लगाने पर अब 500 की जगह 1000 रुपये जुर्माना देना होगा। सरकार ने बैठक में विभिन्न महानगरों के लिए प्रस्तावित मेट्रो रेल परियोजनाओं और महत्वाकांक्षी रेल आधारित मास ट्रांजिट सिस्टम जैसी योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए यूपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन के गठन की भी अनुमति दी है। 

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अन्य योजनाओं पर भी लगी मुहर

कैबिनेट की बैठक में पिछड़े वर्ग की लड़कियों की शादी के लिए अनुदान की तारीख 30 जून तक करने की भी सहमति बनी है।अमृत योजना की तहत मिर्जापुर में 39 हजार घरों को सीवर लाइन कनेक्शन दिए जाने पर भी मुहर लगी है। व्यावसायिक शिक्षा के बेहतरी के लिए सरकार ने 45.68 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। राज्य सम्पति विभाग के लिए 35.19 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति को मिली मंजूरी। कैबिनेट ने गन्ना नियमावली प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई है।

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