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अखिलेश यादव: “देश को प्रचारमंत्री नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री चाहिए”

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार, 24 अप्रैल को कहा कि देश को ‘प्रचार मंत्री’ नहीं, बल्कि ‘प्रधानमंत्री’ चाहिए। अखिलेश यादव हरदोई की एक चुनावी जनसभा में भाषण दे रहे थे। समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, अखिलेश ने कहा, ”भाजपा वालों ने झाड़ू लगाने के लिए न जाने कितना पैसा इकट्ठा किया। आपको याद है कि नहीं, शुरू में वे सब झाड़ू लिये घूम रहे थे। देश के प्रधानमंत्री ने भी झाड़ू ली और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी। बताओ कूड़ा खत्म हुआ क्या? कहां है कूड़ा? कूड़ा भाजपा के दिमाग में है। इनकी बात शौचालय से शुरू होती है और शौचालय पर ही खत्म हो जाती है।”

अखिलेश ने कहा, ”वो (भाजपा) कहते हैं कि गठबंधन देश को मजबूत प्रधानमंत्री नहीं दे सकता। हम भरोसा दिलाना चाहते हैं कि जब भी जरूरत पड़ी है, देश को गठबंधन ने मजबूत और शानदार प्रधानमंत्री दिए हैं। हमें प्रचार मंत्री नहीं प्रधानमंत्री चाहिए।”

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के राज में सीमाएं असुरक्षित हुई हैं। एक के बदले दुश्मन सैनिकों के 10 सिर लाने का वादा कर सत्ता में आये मोदी ने सीमा पर सबसे ज्यादा जवानों को शहीद करवा दिया। भाजपा दावे कर रही है कि उसकी वजह से सीमाएं सुरक्षित हैं, मगर सरहदें अगर महफूज हैं तो सिर्फ हमारे जवानों की वजह से, भाजपा की वजह से नहीं।

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अखिलेश ने कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए कहा, ”एक पार्टी कह रही है कि योजना आयोग खराब है। दूसरी पार्टी कह रही है कि नीति आयोग खराब है। हम कहते हैं कि लोगों को पढ़ा-लिखा बना दो, उन्हें लोहिया आवास दे दो, गरीब अपने घर में शौचालय खुद ही बना लेगा।”

उन्होंने कहा कि सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ‘महामिलावट’ नहीं, बल्कि देश में महापरिवर्तन लाने का काम यह कर रहा है। यह महागठबंधन गरीब का, गांव में रहने वालों का है। जिन्हें इतने सालों में सम्मान नहीं मिल पाया, यह उनका गठबंधन है। जो हमारे लोग खेत में काम कर रहे हैं, पसीना बहाने वाले लोग, यह उन लोगों का गठबंधन है।

अखिलेश ने हरदोई की राजनीति में प्रभावशाली माने जाने वाले भाजपा नेता नरेश अग्रवाल का नाम लिए बगैर उन पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें तो ‘ठर्रे’ में भी हनुमान जी दिखायी पड़ते हैं। जिसका चक्र पूरा हो जाए, उसे गणित में ‘जीरो’ कहते हैं। जनता जानती है कि उनकी पोल खुल चुकी है। वह जीरो हो गए हैं।

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अखिलेश ने कानपुर की एक चुनावी जनसभा में कहा, भाजपा की तरह कांग्रेस भी राजनीतिक विरोधियों को धमकाने में भरोसा करती है। हमारा कांग्रेस से गठबंधन था लेकिन हमने पाया कि कांग्रेस का अहंकार बहुत बड़ा है।

सपा ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से हाथ मिलाया था लेकिन बाद में गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा उपचुनाव के लिए उसने बसपा और रालोद से हाथ मिलाया। अखिलेश ने कहा कि भाजपा को कांग्रेस नहीं, बल्कि सपा-बसपा गठबंधन रोक रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस जब केन्द्र की सत्ता में थी तो उसने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के खिलाफ सीबीआई जांच करायी।

अखिलेश ने दावा किया कि एक कांग्रेसी अभी भी वही काम कर रहा है। अखिलेश ने कांग्रेस कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह मौजूदा आम चुनाव के समय उनकी छवि धूमिल करने के मकसद से पिता मुलायम और उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का पुराना मामला उठाने का प्रयास कर रहे हैं।

अखिलेश ने जनता से कहा कि वह भाजपा को ‘नोटबंदी’ का जवाब ‘वोटबंदी’ से दे क्योंकि नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया। 

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