लखनऊ (भाषा)। समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने तमाम अटकलों और कयासों पर विराम लगाते हुए आज स्पष्ट किया कि वह अभी कोई नई पार्टी नहीं बनाने जा रहे हैं। मुलायम ने यहां लोहिया ट्रस्ट कार्यालय परिसर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह अभी नई पार्टी नहीं बनाने जा रहे हैं। अगर इस बारे में कोई सवाल कभी आयेगा तो वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दे देंगे।
उन्होंने समाजवादी विचारधारा के लोगों से अपील की कि वह सपा से जुड़े और उसे मजबूत करें। मुलायम के इस बयान से उत्साहित उनके पुत्र सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ”नेताजी (मुलायम) जिंदाबाद, समाजवादी पार्टी जिंदाबाद।” मुलायम का यह बयान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विरोधी शिवपाल यादव खेमे के लिये एक झटका माना जा रहा है। अखिलेश का दबदबा कायम होने के बाद सपा में अलग थलग किये गये शिवपाल पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की अगुवाई में समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के गठन का इरादा जाहिर कर चुके हैं। मुलायम द्वारा आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाये जाने के बाद ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि वह आज नई पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं।
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सपा संस्थापक ने केंद्र सरकार की नाकामियां गिनाने के साथ प्रेस नोट पढ़ना शुरु ही किया था कि उनकी बगल में बैठे वरिष्ठ नेता शारदा प्रताप शुक्ल ने उन्हें एक और पन्ना उठाकर दिया, इस पर मुलायम ने कहा कि वह इसे बाद में पढ़ेंगे। हालांकि उन्होंने इसे नहीं पढा़।
सपा संस्थापक ने एक सवाल पर कहा कि अखिलेश यादव उनके बेटे हैं, लिहाजा उनके साथ उनका आशीर्वाद बना हुआ है लेकिन उनके कई निर्णयों से वह सहमत नहीं है। इस प्रश्न पर कि वे कौन से निर्णय हैं, मुलायम ने कहा कि वह इस बारे में जल्द बताएंगे। मुलायम प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूछे जा रहे सवालों का गोलमोल जवाब देते रहे। इस सवाल पर कि इस वक्त सपा का नेतृत्व कौन कर रहा है, उन्होंने कहा, ”हम नेतृत्व कर तो रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश तो पार्टी छोड़ चुके हैं।”
इस सवाल पर कि वह अखिलेश के साथ हैं या उनके प्रतिद्वंदी चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ, मुलायम ने कहा, ”मैं समाजवादी पार्टी के साथ हूं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश के विरोधी चाचा शिवपाल यादव की गैरमौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर मुलायम ने कहा कि शिवपाल किसी जरुरी काम से इटावा में ही हैं।”
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इस साल जनवरी में अखिलेश के हाथों सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद गंवाने वाले मुलायम ने एक अन्य सवाल पर अखिलेश की आलोचना करते हुए कहा, ”अखिलेश ने वादा किया था कि विधानसभा चुनाव के बाद वह पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ देंगे, जिसे उन्होंने पूरा नहीं किया। जो व्यक्ति अपनी बात का पक्का नहीं हो और जिसने अपने बाप को धोखा दिया हो, वह किस्मत का धनी नहीं हो सकता।”
इससे पहले उन्होंने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए उन्हें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर रही लड़कियों पर लाठीचार्ज, किसानों की कर्जमाफी और कानून-व्यवस्था के मसले पर घेरा और कहा कि समान विचारधारा वाली शक्तियों को एकजुट होना पड़ेगा, तभी देश बच सकेगा।