कोलकाता (आईएएनएस)| नोटबंदी से खफा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि उनकी तृणमूल कांग्रेस एक जनवरी से ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ नारे के साथ सड़कों पर उतरेगी।
ममता ने कहा, “आज का यह एक मात्र नारा है। हम लोग एक जनवरी से राज्य भर में इस नारे के साथ सड़कों पर उतरेंगे। देश ऐसे व्यक्ति के हाथों में बिल्कुल सुरक्षित नहीं है, जिसने सांप्रदायिक दंगों के साथ ही राजनीति की शुरुआत की।”
ममता वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के संदर्भ में बोल रही थीं। दंगों में हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनसे कहा था, “आपने राजधर्म नहीं निभाया।” अपनी पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत में उन्होंने बड़े नोटों के बंद होने के कारण नौकरी गंवाने वाले लोगों की सूची राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेजने की घोषणा की।
नोटबंदी से मजदूरों का पलायन हुआ
उन्होंने कहा कि भारत में 92 प्रतिशत ग्रामीणों के पास कोई बैंक नहीं है। केंद्र सरकार देश को नकदी विहीन करने के बाद चेहरा विहीन हो गई है। सरकार ने नकदी विहीन अर्थव्यवस्था के लिए बाध्य कर दिया। विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले बहुत सारे लोग घर लौट गए। नोटबंदी के बाद करीब 10 करोड़ लोग नौकरी गंवा चुके हैं। ममता ने कहा, “हम नोटबंदी से नौकरी गंवाने वाले लोगों की सूची तैयार कर रहे हैं। यह सूची राष्ट्रपति को भेजेंगे।”
प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर ममता ने कहा, “अली बाबा और उनके चार सहयोगी सभी फैसले ले रहे हैं। अली बाबा और उनके चार सहयोगी ही देश की जनता, अपनी पार्टी और सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं। भगवान ही जानता है, क्या-क्या फैसले लिए गए।”