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मनमोहन सिंह के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं थी: नायडू

नई दिल्ली (भाषा)। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि उनके कार्यकाल में अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं थी और यह राजग सरकार थी जिसके कार्यकाल में भारत ने सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल की और गरीब, विकास प्रक्रिया का हिस्सा बने।

नायडू ने कहा कि मुद्रास्फीति को इसके सबसे निचले स्तर पर लाया गया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बन गया है एवं भारत के पास अब ‘सबसे अधिक’ विदेशी मुद्रा भंडार है। विमुद्रीकरण के बाद अधिक संख्या में लोग कर के दायरे में आ रहे हैं जिससे कर की दरें स्वत: ही नीचे आने वाली हैं।

कल मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं है और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने देश की जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटा दिया है और यह 7.6 प्रतिशत नहीं रहेगी, बल्कि 6.6 प्रतिशत से कम रहेगी।

नायडू ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘देश की अर्थव्यवस्था उनके कार्यकाल में अच्छी स्थिति में नहीं थी। हमें राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा और चालू खाते का घाटा विरासत में मिला। वहां से हमने सुधार किया और देश को सात प्रतिशत से उपर की वृद्धि दर पर पहुंचाया। अब देश में सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार, सबसे कम मुद्रास्फीति है, आपको और किस चीज की जरुरत है।”

उन्होंने कहा कि राजग के शासनकाल में तेज गति से बदलाव हो रहा है और देश में पहली बार गरीबों ने यह महसूस करना शुरु किया है कि वे भी विकास प्रक्रिया का हिस्सा हैं। नायडू ने कहा, ‘‘हम पहले ही कह चुके हैं कि विमुद्रीकरण प्रधानमंत्री द्वारा उठाया गया एक जबरदस्त कदम है। यह अल्पावधि में दर्द देने वाला, लेकिन दीर्घकाल में फायदा पहुंचाने वाला कदम है। यह एक पुरानी बीमारी के लिए कडवी गोली है क्योंकि पिछली सरकार की खराब नीतियों के चलते देश इन बीमारियों से जूझ रहा था।

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