बीजेपी ने मीडिया को कमजोर कर दिया - मायावती  

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बीजेपी ने मीडिया को कमजोर कर दिया - मायावती  मायावती (फाइल फोटो)

आजमगढ (भाषा)। बसपा अध्यक्ष मायावती ने आज देश के हालात वर्ष 1975 में लागू आपातकाल से ज्यादा खराब होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक स्वार्थ की वजह से संवैधानिक संस्थाओं और मीडिया को कमजोर कर दिया गया है।

मायावती ने आजमगढ, गोरखपुर और वाराणसी मण्डल के कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा, भाजपा ने अब तो राजनीतिक स्वार्थ में मीडिया तथा संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर दिया है। इन्होंने लोकतंत्र को ही काफी हद तक कमजोर कर दिया है। तानाशाही और मनमानी का राज चल रहा है। हालात 1975 की इमर्जेंसी से काफी आगे निकल चुके हैं।

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रैली में मायावती

बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि देश में अब लोकसभा चुनाव और उससे पहले कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से भाजपा ने वर्ष 2014 की तरह ही देश के गरीब, असहाय और मध्यम वर्ग को गुमराह करना शुरु कर दिया है, लेकिन उनकी सरकार के अनुभवों को देखते हुए भाजपा के अच्छे दिन अब नहीं आने वाले हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पूरे देश को ही विपक्ष मुक्त बनाने के लिये सभी विरोधी पार्टियों को कमजोर करने, खत्म करने और तोड़ने के लिये सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग जैसी सरकारी मशीनरी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग कर रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अपने एक चौथाई वादे भी पूरे नहीं कर सकी। नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों से देश की अर्थव्यवस्था काफी कमजोर होती जा रही है। पूरे देश में गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई तथा अन्य गम्भीर समस्याएं उत्पन्न हो गयी हैं। जनता प्रदेश में जल्द होने वाले शहरी निकाय के चुनाव में और उसके बाद लोकसभा आम चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवारों को हराकर इसका जवाब देगी।

इस बार लोकसभा के चुनाव समय से पहले होने की संभावना व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा कि वादे पूरे करने में नाकाम रही भाजपा वोट लेने के लिये लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरु करा सकती है।

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मायावती ने मण्डल आयोग की सिफारिशें लागू कराने का श्रेय अपनी पार्टी को देते हुए कहा कि वर्ष 1989 में बसपा का समर्थन लेने के एवज में रखी गयी शर्त पर ही तत्कालीन प्रधानमंत्री वी पी सिंह ने मण्डल आयोग की सिफारिशों को अमली जामा पहनाया था। इसके अलावा बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को भारत रत्न से नवाजा था। बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उस वक्त भाजपा को यह सब अच्छा नहीं लगा और उसने समय से पहले ही वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया। जब मण्डल आयोग की रिपोर्ट लागू हुई तो भाजपा और संघ ने उसके खिलाफ हिंसक आंदोलन किया।

मायावती ने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने और पिछड़े वर्गों के लिये आयोग गठित करने की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह केवल राजनीतिक हथकंडे के सिवा कुछ नहीं है।

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