अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का भाजपा ने स्वागत किया 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   21 March 2017 6:35 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का भाजपा ने स्वागत किया अयोध्या ।

नई दिल्ली (भाषा)। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए भाजपा ने आज कहा कि पार्टी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का समर्थन करती है और इस बात पर जोर देती है कि यह मैत्रीपूर्ण ढंग से सभी पक्षों की सहमति से हो और इस विषय की संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाए।

देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा राम मंदिर के निर्माण का वैचारिक रूप से समर्थन करती है, हम राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं, हमारा मानना है कि इस बारे में सभी पक्ष मिलकर इसे सुलझाएं।

उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का कहना बिल्कुल ठीक है, यह बेहतर होगा कि इसे मैत्रीपूर्ण ढंग से सभी पक्ष मिलकर सुलझाएं। इससे राम मंदिर का निर्माण भी हो जाएगा और सामाजिक व्यवस्था और तानाबाना भी प्रभावित नहीं होगा।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम इस कदम का स्वागत करते हैं और यह मानते हैं कि सभी पक्षों को अदालत से बाहर बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी इस बारे में शीर्ष अदालत की टिप्पणी का विस्तार से अध्ययन करेगी क्योंकि यह संवेदनशील मुद्दा है और इससे लाखों लोगों की भावनाएं जुडी हुई हैं।

पात्रा ने कहा कि सभी पक्षों को इस मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए और इस विषय की संवेदनशीलता को ध्यान में रखना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि अयोध्या विवाद पर सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि सर्वसम्मति पर पहुंचने के लिए सभी संबंधित पक्ष साथ बैठें। यह एक संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दा है और बेहतर होगा कि इस मुद्दे को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाया जाए।

प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने कहा कि यदि संबंधित पक्ष उनकी मध्यस्थता चाहते हैं तो वह इसके लिए तैयार हैं।

केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि सरकार बातचीत के जरिए अयोध्या विवाद का हल निकालने के शीर्ष अदालत के सुझाव का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा से मध्यस्थता के लिए तैयार है और इसका समर्थन करती है। हम इस बारे में बातचीत और मध्यस्थता का समर्थन करते हैं।

विधि एवं न्याय राज्य मंत्री ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय का सुझाव स्वागत योग्य है और अगर ऐसे जटिल मुद्दों का समधान बातचीत से होता है तब इससे भविष्य के लिए सभी पक्षों की समझ बेहतर होगी और शांति सुनिश्चित की जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि जो चीज मध्यस्थता से सुनिश्चित की जा सकती है, वह काम अदालती फैसले से नहीं हो सकता है. मध्यस्थता की स्थिति में दोनों पक्षों को खुशी होगी। अदालती फैसले की स्थिति में एक पक्ष खुश होगा और दूसरा नहीं।

केंद्रीय मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस विवाद का समाधान बातचीत के जरिये हो सकेगा। यह मामला अदालत में है. और जब तक न्यायालय फैसला नहीं देती है, तब तक कुछ नहीं हो सकता है. अब अदालत ने बातचीत के जरिये इसे सुलझाने को कहा है, मैं समझता हूं कि यह बातचीत के जरिए हो सकेगा।

                

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.