मुंबई। शिवसेना ने बेहद तीखे शब्दों में महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि किसानों की मौत के लिए सरकारी मशीनरी जिम्मेदार हैं।
महाराष्ट्र के धुले के किसान धर्म पाटिल (84) की जमीन को सौर ऊर्जा परियोजना के लिए महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी ने अधिगृहित किया था, जिसके उचित मुआवजे के लिए वह 22 जनवरी को मंत्रालय पहुंचे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने की कोशिश की। पर अचानक गिरने की वजह से उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने चूहे मारने वाली दवा खाने की बात बताई। रविवार को उनकी मौत हो गई।
बुजुर्ग किसान की मौत के लिए महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए शिवसेना ने कहा कि किसान ने जमीन के अपर्याप्त मुआवजे की वजह से जहर खा लिया था। इस मामले से संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की शिवसेना सहयोगी है और देवेंद्र फड़णवीस इस सरकार का नेतृत्व किया।
भोजन, कपड़े और आवास वाली समस्या पर शिवसेना ने कहा कि सिर्फ भाषण देने से ही ये समस्याएं नहीं सुलझेंगी। भाषण माफिया ने इस किसान की हत्या कर दी। मुख्यमंत्री को राज्य चलाना चाहिए न कि भाजपा।
वर्ष 2015 में भारत में कुल 1,33,623 आत्महत्याओं में से अपनी जान लेने वाले 9.4 प्रतिशत किसान थे। वर्ष 2015 में सबसे ज्यादा 4,291 किसानों ने महाराष्ट्र में आत्महत्या की जबकि 1,569 आत्महत्याओं के साथ कर्नाटक इस मामले में दूसरे स्थान पर है।
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शिव सेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, जब धर्म पाटिल मंत्रालय पहुंचा था तब मुख्यमंत्री दावोस में राज्य के लिए निवेश मांग रहे थे। इस तरह के निवेश का क्या मतलब है जब घर में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। शिवसेना ने कहा है कि इस किसान की मौत अच्छे प्रशासन की पहचान नहीं है।
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