लखनऊ। देश के पूर्वोत्तर राज्यों और बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 44 हो गई है। वहीं इससे लगभग 70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
असम के 33 में से 30 जिलों के करीब 43 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार असम में बाढ़ से अब तक 15 लोगों की जान गई है। इसके अलावा, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य और मानस राष्ट्रीय उद्यान भी जलमग्न हैं। हजारों पशुओं को भी इस बाढ़ से अपनी जान गवानी पड़ी है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 119 टीमों को असम और बिहार समेत बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। इन क्षेत्रों पर करीब से निगाह रखने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एक 247 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
Due to floods in #Assam, 70% of Kaziranga National Park is submerged; the forest department is alert on National Highway 37 in order to avoid any poaching chances by hunters. pic.twitter.com/4PcKUNNdXu
— ANI (@ANI) July 15, 2019
पीएम नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल से सोमवार को फोन पर बात की और राज्य में बाढ़ के हालात के बारे में जानकारी ली। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि राज्य के 4,157 गांवों के 42.87 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य की प्रमुख नदी ब्रह्मपुत्र का जलस्तर खतरे के निशान से पार चला गया है।
#AssamFloods: Till 15 July, total 4,157 villages in 30 districts including Dhemaji, Lakhimpur, Biswanath, Sonitpur, Darrang, Udalguri, Baksa, Barpeta, Nalbari, Chirang, Bongaigaon & Kokrajhar affected. Approx 42,86,421 people affected. 183 numbers of Relief Camps are operational. pic.twitter.com/zU0PeuMgyK
— ANI (@ANI) July 15, 2019
उधर, बिहार में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या 24 हो गई है। पड़ोसी देश नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद राज्य के 12 जिलों में आई बाढ़ की वजह से 25.66 लाख लोग प्रभावित हैं। पूर्वी चम्पारण जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में पांच और बच्चे डूब गए हैं, लेकिन राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे बाढ़ से संबंधित घटना मानने से इनकार किया।
मिजोरम में खतलंगतुईपुई नदी में बाढ़ आने की वजह से 32 गांव प्रभावित हुए हैं और कम से कम एक हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा हैं। वहीं कुल पांच लोगों की राज्य में मौत हुई है। मेघालय में पिछले सात दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से दो नदियों में बाढ़ आ गई है जिनका पानी पश्चिम गारो हिल्स जिले के मैदानी इलाकों में घुस गया है जिससे कम से कम 1.14 लाख लोग प्रभावित हैं।
त्रिपुरा में बाढ़ के हालात में सुधार के संकेत मिले हैं क्योंकि दो नदियों में पानी घटना शुरू हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ और सुरक्षा बलों के कर्मियों ने बाढ़ प्रभावित खोवई और पश्चिम त्रिपुरा जिलों से कई लोगों को बचाया है।
Tripura: Locals shifted to a flood relief camp setup at a school in Agartala as flood situation continues to prevail. pic.twitter.com/3h2a9p1qdY
— ANI (@ANI) July 15, 2019
महाराष्ट्र में नगर निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के पालघर और ठाणे जिलों के नदी तट पर बसे 75 गांवों को अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि क्षेत्र के प्रमुख बांधों में जल स्तर ओवरफ्लो के निशान के नजदीक पहुंच गया है। हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में रविवार बारिश हुई है।
राष्ट्रीय राजधानी में मानसून का लंबा इंतजार सोमवार को खत्म हो गया, और दल्लिी में 28.8 मिमी बारिश हुई जो इस साल जुलाई में सबसे ज्यादा है। आगामी दो-तीन दिनों में और वर्षा होने का अनुमान है।
(भाषा से इनपुट के साथ)