‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत पिछले एक साल में 47 लाख लोगों का इलाज हुआ, जिसमें केंद्र सरकार के 7500 करोड़ रुपये खर्च हुए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ के एक साल पूरे होने पर यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितम्बर, 2018 को झारखंड की राजधानी रांची से इस योजना की शुरुआत की थी।
इस योजना के तहत प्रत्येक गरीब परिवार को पांच लाख रुपए का वार्षिक स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है, जिसके प्रीमियम का भुगतान सरकार करती है। एक साल में लगभग 10 करोड़ आयुष्मान कार्ड बांटे गए। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना का लाभ जल्द से जल्द 50 करोड़ देशवासियों को उपलब्ध कराई जाए।
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर ट्वीट करते हुए लिखा, “आयुष्मान भारत योजना एक स्वास्थ्य योजना से कहीं अधिक देश के 50 करोड़ लोगों के लिए एक आशा का संचार है। इससे गरीबी और बीमारी के कुचक्र को तोड़ने में मदद मिल रहा है।”
#AyushmanBharat is more than just a healthcare scheme – it is a beacon of hope to more than 50 crore of India’s most vulnerable people. It is breaking the vicious cycle of poverty & disease while making healthcare affordable and accessible. #SaalEkAyushmanAnek
— Narendra Modi (@narendramodi) September 23, 2019
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ इंदु भूषण ने योजना के एक साल पूरा होने पर कहा, “हमारा सारा जोर वंचित लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक करने में है ताकि वे जरुरत के समय इसका लाभ उठा सकें। इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ कई प्राइवेट अस्पतालों को भी शामिल किया गया है, ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं से कोई वंचित नहीं रह सके।”
उन्होंने आगे बताया, “एक साल के अंदर 18,236 अस्पतालों को इस योजना के तहत लाया गया है, जिसमें 53 प्रतिशत प्राइवेट अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में इस योजना के तहत प्रत्येक मिनट में नौ लोग भर्ती होते हैं। हमारी कई और प्राइवेट और कॉर्पोरेट अस्पतालों से बात चल रही है ताकि लाभार्थियों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।”