लखनऊ। जहां एक तरफ देश के कई राज्य सूखे से प्रभावित हैं, वहीं देश के पूर्वोत्तर राज्य असम में बाढ़ से हालत गंभीर हो गए हैं। राज्य के 8 जिलों में 62 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। 145 गांवों को बाढ़ से प्रभावित बताया जा रहा है। असम राज्य आपदा मोचन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि 145 गांव पानी में डूबे हुए हैं और 3,435 हैक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान हुआ है। बाढ़ के हालात और खराब हो सकते हैं क्योंकि मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में तेज बारिश का अनुमान जताया है।
बाढ़ से धेमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, बारपेटा, चिरांग, गोलाघाट, जोरहाट और डब्रिूगढ़ जिलों में करीब 62,400 लोग प्रभावित हुए हैं। एएसडीएमए ने बताया कि प्राधिकारी दो जिलों में पांच राहत शिविर एवं वितरण केन्द्र चला रहे हैं, जहां 203 लोग शरण लिए हुए हैं।
बारपेटा, उदालगिरी, लखीमपुर, सोनितपुर और जोरहाट जिलों में कई इलाकों में तटबंधों, सड़कों, पुलों, पुलियाओं और अन्य ढांचों को नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने नौ से 12 जुलाई के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में तेज बारिश की संभावना जताई है। विभाग ने असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के दूर-दराज के इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है।
2017 में 5 लाख लोग हुए थे प्रभावित
2017 में पूर्वोत्तर भारत में आई बाढ़ से लगभग 5 लाख लोग प्रभावित हुए थे। पूर्वी भारत के प्रमुख नदी ब्रह्मपुत्र में पानी की मात्रा अधिक होने से यह बाढ़ आया था, जिससे असम, अरूणांचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर जैसे राज्य प्रभावित हुए। बाढ़ की वजह से बड़ी मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान हुआ। सैकड़ों पालतू पशु और जंगली जानवर बह गए।
(भाषा से इनपुट)