ट्रैक्टर समेत कई तरह के वाहन बनाने वाली कंपनी महिंद्रा मोटर्स के मालिक आनंद्र महिंद्रा अक्सर अपनी दरियादिली को लेकर चर्चा में रहते हैं। 19 सितंबर को उन्होंने बिहार के गया जिले में रहने वाले लौंगी मांझी को एक ट्रैक्टर देने का वादा किया था जिसे उनकी महिंद्रा की टीम ने 10 घंटे में ही पूरा कर दिया। मांझी को गया बुलाकर नए ट्रैक्टर की चाभी दी गई है। मांझी को ट्रैक्टर देने की फोटो ट्वीट करते हुए आनंद महिंद्रा ने अपनी टीम के सदस्यों की भी तारीफ की।
तीस साल में अपने गांव तक नहर खोदकर पाने लाने वाले लौंगी मांझी पिछले कई दिनों से चर्चा में हैं। गया के नक्सल प्रभावित बांके बाज़ार के कोठिलवा इलाके के रहने वाले के गांव जाकर गांव कनेक्शन ने उनके इस अद्भुत कार्य पर खबर की थी। महिंद्रा मोटर्स के मालिक आनंद महिंद्रा ने गांव कनेक्शन की खबर का संज्ञान में लेते हुए उन्हें ट्रैक्टर देने का वादा किया । आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करते हुए कहा है, “लौंगी मांझी को ट्रैक्टर देना उनके लिए सम्मान की बात होगी। उन्होंने जो किया है वह किसी ताजमहल या पिरामिड के निर्माण से कम नहीं है।”
You & your team are simply the best @hsikka1 Can’t believe I proposed gifting Laungi Bhuiyan—Bihar’s ‘CanalMan”—a tractor only yesterday morning & by late yesterday evening you had delivered it to him! Well done, & my gratitude to our dealer partner as well. pic.twitter.com/EFCBsrgPq2
— anand mahindra (@anandmahindra) September 20, 2020
गांव कनेक्शन से जुड़े बिहार के स्वतंत्र पत्रकार रोहिण कुमार ने लौंगी मांझी के तीन दशकों के संघर्ष पर एक विस्तृत रिपोर्ट की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने बताया था कि किस तरह बिहार का दूसरा दशरथ मांझी कहे जा रहे लौंगी को शुरूआत में लोगों ने ‘पागल’ कहना शुरू कर दिया था जब उन्होंने पहाड़ी और पथरीली जमीन के बीच अपने गांव तक पानी लाने के लिए तीस साल पहले नहर खोदना शुरू किया था। इसमें लौंगी मांझी का परिवार भी शामिल था।
उनको ट्रैक्टर देना मेरा सौभाग्य होगा। As you know, I had tweeted that I think his canal is as impressive a monument as the Taj or the Pyramids. We at @MahindraRise would consider it an honour to have him use our tractor. How can our team reach him @rohinverma2410 ? https://t.co/tnGC5c4j8b
— anand mahindra (@anandmahindra) September 19, 2020
लौंगी मांझी यह नहर इसलिए खोदना चाहते थे ताकि उनके गांव तक पानी आ सके ताकि गांव के लोगों को खेती करने में आसानी हो और युवाओं को पलायन ना करना पड़े। इस रिपोर्ट में जब लौंगी मांझी से पूछा गया कि वह अब आगे क्या चाहते हैं, तो उन्होंने एक ट्रैक्टर मिलने की बात कही थी ताकि पइन (नहर) को और चौड़ा और गहरा कर उसे खेती-किसानी के कामों के लिए और उपयोगी बनाया जाए।
लौंगी मांझी ने कहा था, रूपयो-पइसबा मिलतैइ त अच्छे हई। एगो पहिले टैक्टर मिलतई त जै भी बचल-खुचल कमवा हई उहौ करिए देबई (पैसे मिलेगा तो अच्छा ही रहेगा। लेकिन पहले एक ट्रैक्टर मिलना चाहिए। कुछ काम बाकी है, उसे पूरा करने में बहुत मदद हो जाएगी)।” हालांकि उनके परिवार को उम्मीद है कि इस अद्भुत कार्य करने के बाद सरकार उनको आर्थिक मदद करेगी और उन्हें एक पक्का मकान देगी। लेकिन लौंगी ने साफ कहा कि उनकी पहली जरूरत ट्रैक्टर है।
You & your team are simply the best @hsikka1 Can’t believe I proposed gifting Laungi Bhuiyan—Bihar’s ‘CanalMan”—a tractor only yesterday morning & by late yesterday evening you had delivered it to him! Well done, & my gratitude to our dealer partner as well. pic.twitter.com/EFCBsrgPq2
— anand mahindra (@anandmahindra) September 20, 2020
इसके बाद गांव कनेक्शन और रिपोर्टर ने बिहार सरकार के मंत्रियों सहित आनंद महिंद्रा, सोनू सूद जैसे सहयोग करने वाले लोगों को टैग करते हुए उनसे ट्रैक्टर के संबंध में सहयोग करने की मांग की थी। इस पर अब महिंद्रा मोटर्स के मालिक आनंद महिंद्रा का जवाब आया है कि उन्हें लौंगी माझी को मदद करने में बहुत ही खुशी होगी। उन्होंने अपनी टीम को जल्द से जल्द यह मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। इस पर गांव कनेक्शन ने आनंद महिंद्रा का आभार भी जताया।
वहीं तमिलनाडु के कोयंबटूर की एक सबमर्सिबल कंपनी टेक्समो इंडस्ट्रीज ने लौंगी मांझी को एक सबमर्सिबल पंप देने की इच्छा जताई है ताकि वे नहर से खेतों तक सिंचाई के काम को और आसानी से कर सकें।
सोशल मीडिया पर लौंगी मांझी को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। बिहार के पत्रकार ने दावा किया है कि लौंगी मांझी जिस नहर खोदने की बात कर रहे हैं वो नहर 1914 के सरकारी नक्शें दिखाई गई है। गांव कनेक्शन के रिपोर्टर ने दोबारा मांझी के गांव जाकर ग्रामीणों से पड़ताल की है, जिसमें 60-70 वर्ष के लोग शामिल है, उनका कहना है कि उन्होंने अपने जीवनकाल में कभी नजर नहीं देखी। अगर कोई नहर कागजों में है उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं।
पढ़िए लौंगी मांझी की पूरी स्टोरी- लौंगी मांझी के तीन दशकों का परिश्रम, सरकारों की नाकामी का जीता-जागता उदाहरण है