बिहारः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 14 मंत्रियों ने ली शपथ, जानिए बिहार में किस किस को मिली लालबत्ती

नए मंत्रीमंडल में बीजेपी के सात, जेडीयू के पांच, हम के एक और वीआईपी के एक मंत्री शामिल हैं। वहीं वहीं बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद और रेणुका देवी को उपमुख्यमंत्री पद मिला है।
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बिहार विधानसभा में जीत के बाद नीतीश कुमार ने 7वीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ कुल 13 और नेताओं ने शपथ ली, जिसमें वरिष्ठ सहयोगी पार्टी बीजेपी के सात, जेडीयू के पांच, जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम पार्टी (हम) के एक और विकासशाली इंसान पार्टी (वीआईपी) के एक नेता ने मंत्री पद की शपथ ली। वहीं बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद और रेणुका देवी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सुशील मोदी के केंद्र में भेजे जाने के बाद यह पहली बार है जब नीतीश कुमार के साथ दो उपमुख्यमंत्रियों ने शपथ ली है।

नीतीश कुमार के इस कैबिनेट में दलीय, क्षेत्रीय और जातीय संतुलन तीनों का बहुत ख्याल रखा गया है, यही कारण है कि हम और वीआईपी पार्टी के सिर्फ चार-चार सीट आने के बाद भी उन्हें एक-एक मंत्री पद दिए गए हैं। वहीं बिहार के सभी क्षेत्रीय इलाकों मिथिलांचल, सीमांचल, भोजपुर और मगध क्षेत्र को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला है। हालांकि किसी भी मंत्री को अभी कोई विभाग या प्रोफाइल नहीं मिला है।

जनता दल यूनाइटेड के मंत्री

विजय चौधरी- सरायरंजन, समस्तीपुर के विधायक

विजेंद्र यादव- सुपौल के विधायक

अशोक चौधरी- एमएलसी

मेवालाल चौधरी- तारापुर, मुंगेर के विधायक

शीला कुमारी- फुलपरास, मधुबनी की विधायक

भारतीय जनता पार्टी के मंत्री

तारकिशोर प्रसाद- कटिहार से विधायक

रेणु देवी- बेतिया से विधायक

अमरेंद्र प्रताप सिंह- आरा से विधायक

मंगल पाण्डेय- एमएलसी

रामसूरत राय- मुजफ्फरपुर के औराई से विधायक

रामप्रीत पासवान- मधुबनी के राजनगर से विधायक

जीवेश मिश्रा- दरभंगा के जाले से विधायक

विकासशाली इंसान पार्टी (वीआईपी) के मंत्री

मुकेश सहनी

हिंदुस्तान आवाम पार्टी (हम) के मंत्री

संतोष मांझी

इस शपथ समारोह में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शपथ ली। हालांकि प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने इस शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।

उन्होंने ट्वीट करते हुए तंज कसा है कि नीतीश कुमार जीते नहीं हैं बल्कि उन्हें मनोनीत किया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री ‘मनोनीत’ होने पर शुभकामनाएँ। आशा करता हूँ कि कुर्सी की महत्वाकांक्षा की बजाय वह बिहार की जनाकांक्षा एवं एनडीए के 19 लाख नौकरी-रोजगार और पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई जैसे सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनायेंगे।”

गौरतलब है कि 11 नवंबर को हुए मतगणना के बाद बीजेपी और जेडीयू की अगुवाई वाली एनडीए गठबंधन को 125 सीट मिली थी, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की अगुवाई वाली महागठबंधन सिर्फ 110 सीट पर ही सिमट कर रह गई। हालांकि इससे पहले आए तमाम एग्जिट पोल और ओपिनियम पोल में तेजस्वी के नेतृत्व वाली महागठबंधन को जीत मिलता हुआ दिख रहा था।

11 नवंबर को हुए मतगणना के शुरूआती रूझान में भी पहले महागठबंधन को बढ़त मिलती दिखी, वहीं फिर दिन भर कांटे का मुकाबला चलता रहा। हालांकि देर रात 11 बजे आए परिणाम में चुनाव आयोग ने एनडीए को 125 सीटों पर विजयी घोषित किया, जो कि बहुमत के जादुई आंकड़े 122 से तीन सीट अधिक था। हालांकि राजद लगातार दावा करती रही है कि मतगणना के दौरान नीतीश कुमार की बिहार सरकार ने सरकारी मिशनरी का प्रयोग किया और अपने पक्ष में कई सीटों पर फैसले करवाए। इसलिए तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के लिए ‘मनोनीत’ शब्द का प्रयोग किया। 

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