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कोरोना प्रभावः सरकारी आदेश के बावजूद शिक्षकों और कर्मचारियों को बुला रहे निजी स्कूल, लखनऊ के 8 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस

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शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना को लेकर सबसे अधिक 4 मामले सामने आए। इस तरह प्रदेश में कोरोना प्रभावित मरीजों की संख्या 23 हो गई। प्रशासन ने कोरोना का विस्तार रोकने के लिए लखनऊ के सभी स्कूलों और कॉलेजों को 2 अप्रैल तक बंद रखने का आदेश दिया है लेकिन राजधानी के कई प्राइवेट स्कूल मनमानी पर उतारू हैं। ऐसा प्रदेश के अलग-अलग जगहों के कई प्राइवेट स्कूलों में भी देखने को मिल रहा है, जहां पर सरकार के स्पष्ट आदेश के बावजूद स्कूल खुले मिल रहे हैं।

शासन के आदेश के बावजूद ये स्कूल शिक्षकों और कर्मचारियों को बुला रहे हैं। शुक्रवार को प्रशासन की जांच में लखनऊ के डीएवी, सीएमएस, जयपुरिया सहित आठ निजी स्कूल खुले हुए मिले। हालांकि बच्चों की छुट्टी थी लेकिन स्कूल प्रबंधन अध्यापकों और कर्मचारियों को बुलाकर उनसे काम ले रहा है। लखनऊ जिला प्रशासन ने इन सभी स्कूलों को नोटिस जारी कर 21 मार्च तक स्पष्टीकरण मांगा है।

लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि शासन के आदेश के बावजूद निरीक्षण में शुक्रवार को सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) की महानगर और चौक शाखा खुली मिली। इससे पहले 17 मार्च को भी सीएमएस के स्कूल खुले मिले थे। तब 18 मार्च को सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के प्रबंधक डॉ. जगदीश गांधी ने मोबाइल वार्ता पर अपनी सभी शाखाएं बंद करने का आश्वासन दिया था। आश्वासन के बावजूद स्कूल खोलने की वजह से उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

मुकेश कुमार ने यह भी बताया कि सीएमएस के साथ ही लखनऊ के 8 स्कूलों को स्कूल खोलने के लिए नोटिस जारी किया गया है, जिसमें डीएवी पब्लिक स्कूल, सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल, सेंट जोंस मिशन स्कूल, कुंअर आसिफ अली इंटर कॉलेज, एल्फा पब्लिक स्कूल, मॉर्डन पब्लिक स्कूल और अवध एकेडमी शामिल हैं। इन स्कूलों से पूछा गया है कि क्यों ना शासन के आदेश की अवज्ञा के मामले में उन पर धारा 144 के तहत एफआईआर दर्ज किया जाए।

मुकेश कुमार ने साफ किया कि अगर कोई स्कूल प्रबंधन शिक्षकों को बुलाता है और इसकी जानकारी प्रशासन को मिलती है तो उन स्कूलों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया जाएगा। यह पहली बार नहीं है जब सीएमएस और लखनऊ के अन्य प्राइवेट स्कूलों पर सरकारी आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगा है। इससे पहले भी सीएमएस पर शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत जरूरतमंद गरीब बच्चों को प्रवेश ना देने का आरोप लगता आ रहा है।

इस संबंध में गांव कनेक्शन ने सीएमएस स्कूल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की, लेकिन कहीं से भी संतोषजनक और पर्याप्त उत्तर नहीं मिला। सीएमएस मुख्य कार्यालय पर फोन करने पर हमें बताया गया कि स्कूल बंद है और कोई भी जानकारी सोमवार के बाद ही मिल पाएगी।

उधर राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भी निजी स्कूलों द्वारा सरकार के आदेश को दरकिनार करने और मनमानी करने की खबर आ रही है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों की तो छुट्टी कर दी गई है लेकिन अध्यापकों और कर्मचारियों पर दबाव बनाकर उन्हें बुलाया जा रहा है और उनसे काम लिया जा रहा है।

गोरखपुर के खजनी स्थित एक निजी स्कूल के अध्यापक ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर गांव कनेक्शन को फोन पर बताया कि उनका स्कूल प्रबंधन शिक्षकों को रोज स्कूल आने का आदेश दे रही है, नहीं तो उन्हें नौकरी छीने जाने का भय दिखाया जा रहा है।

(सीएमएस और अन्य स्कूलों का जवाब आने पर खबर अपडेट की जाएगी।) 

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