कोरोना से शिक्षण कार्य ठप, परीक्षाएं रद्द, कई कॉलेजों में वर्चुअल क्लास के जरिये पढ़ाई

Daya SagarDaya Sagar   19 March 2020 1:12 PM GMT

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कोरोना से शिक्षण कार्य ठप, परीक्षाएं रद्द, कई कॉलेजों में वर्चुअल क्लास के जरिये पढ़ाई

दिल्ली की रहने वाली शिवानी सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की छात्रा हैं। बोर्ड परीक्षाओं में उनका सिर्फ हिंदी का एक पेपर बचा हुआ था, जो कि 20 मार्च को निर्धारित था। लेकिन अभी यह परीक्षा निरस्त हो चुकी है, जिसको लेकर वह मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव महसूस कर रही हैं।

शिवानी का कहना है कि यह उनकी आखिरी परीक्षा थी। इसके बाद उन्हें विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा की तैयारी में लगना था। लेकिन अब वह अधर में हैं कि अंतिम पेपर के लिए पढ़ाई करें या फिर विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा की तैयारी में लग जाए। शिवानी को डर है कि इससे उनका अंतिम पेपर खराब हो सकता है। हालांकि वह खुश हैं कि सरकार ने सबकी सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए परीक्षाओं को निरस्त किया है।

कुछ यही हाल दसवीं में पढ़ने वाले लखनऊ के आदित्य का है। उन्हें बोर्ड परीक्षाओं को खत्म कर कोटा में आईआईटी की तैयारी के लिए जाना था, जहां उनके पिता ने उनका एडमिशन पहले से ही करवा दिया है। लेकिन परीक्षा निरस्त हो जाने के बाद आदित्य की भविष्य की योजनाएं थोड़ी सी अनिश्चित हो गई हैं। हालांकि आदित्य के पिता भी खुश हैं कि सरकार ने ये आवश्यक और जरूरी कदम उठाएं हैं।

भारत में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस का असर स्कूलों और कॉलेजों की पढ़ाई, परीक्षाओं और भर्ती परीक्षाओं पर पड़ रहा है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की चल रही परीक्षाएं स्थगित हो गई हैं। वहीं उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा, गोवा, मेघालय, केरल, असम, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, लद्दाख, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर सहित तमाम राज्यों में भी स्कूलों और कॉलेजों को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है।

यह बंदी कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण है। मसलन राजस्थान में स्कूलों और कॉलेजों को तो बंद कर दिया गया है लेकिन चल रही परीक्षाओं पर रोक नहीं लगाई गई है। ठीक यही हाल कर्नाटक का भी है। इसके ठीक विपरीत उत्तर प्रदेश में सिर्फ मेडिकल शैक्षणिक संस्थानों को छोड़कर सभी स्कूलों, कॉलेजों, निजी संस्थाओं और विश्वविद्यालयों को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश दिया गया है।

हालांकि कई निजी स्कूलों से शिकायत आ रही है कि कॉलेज प्रबंधन शासन का आदेश ना मानते हुए परीक्षा और शिक्षण कार्य को जारी रखे हुए हैं। गोरखपुर जिले के खजनी के एक प्राइवेट स्कूल की शिक्षिका ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उनका स्कूल प्रबंधन शासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद भी बच्चों की परीक्षाएं करा रहा है। इसके अलावा शिक्षकों को भी रोज स्कूल आने का आदेश दिया जा रहा है। ठीक ऐसा ही बगल के जिले संत कबीर नगर में भी देखा जा रहा है, जहां पर प्राइवेट स्कूलों में शिक्षण कार्य बंद रहने के बावजूद शिक्षकों को रोज आने का आदेश दिया जा रहा है।

स्कूलों के अलावा आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईएम इंदौर, दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, नागपुर विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय सहित कई उच्च शिक्षण संस्थानों में भी शिक्षण कार्य को स्थगित कर दिया गया हैं और परीक्षाओं को टाल दिया गया है। कई विश्वविद्यालयों में नए सत्र 2020-21 के लिए प्रवेश परीक्षाएं भी चल रही थीं, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने टाल दिया है। इसमें लखनऊ और अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय प्रमुख है।

कई उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्चुअल कक्षाओं के द्वारा शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं। लखनऊ के रामस्वरूप कॉलेज के प्रोफेसर विनोद कुमार ने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया कि उनके वहां क्लासेस पूर्णतया बंद हो चुकी हैं, लेकिन वर्चुअल कक्षाओं के जरिये छात्रों को नोट्स प्रोवाइड कराया जा रहा है ताकि समय से सेमेस्टर पूरा हो सके। उन्होंने बताया, "छात्रों को गूगल क्लासरूम ऐप, व्हाट्सएप ग्रुप और जीमेल के द्वारा पीपीटी, पीडीएफ नोट्स और वीडियो लेक्चर के जरिये कक्षाएं दी जा रही हैं। छात्र भी इन्हीं माध्यमों के जरिये अपना असाइनमेंट भेज रहे हैं।"



उन्होंने बताया कि कुछ आईआईटीज में उनके साथी शिक्षक हैं, जो वर्चुअल माध्यम के जरिये घर पर रहते ही क्लासेज ले रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि तमाम निजी कॉलेजों के प्रबंधन अभी भी मनमानी कर रहे और अध्यापकों को कॉलेज में बुलाया जा रहा है। हालत यह है कि ऐसे कॉलेज में विद्यार्थी नहीं दिख रहे लेकिन अध्यापक जरूर आ रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी नौकरी खो जाने का खतरा है।

कोरोना वायरस की वजह से कई भर्ती परीक्षाओं को भी टाला गया है। इसमें छत्तीसगढ़ प्रफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की शिक्षक पात्रता परीक्षा, आईटीबीपी की कांस्टे्बल भर्ती परीक्षा, आरबीआई की असिस्टें ट मेन परीक्षा, बिहार लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाएं, केरल PSC भर्ती परीक्षा, दिल्लीर हायर जूडिशियल सर्विस मेन्स परीक्षा शामिल है। सेना ने सभी भर्ती रैलियों को भी अगले एक महीने तक टाल दिया है।

हालांकि कुछ ऐसी भी प्रतियोगी परीक्षाएं हैं, जिन्हें नहीं टाला गया है या जिनको लेकर ठीक-ठीक जानकारी वेबसाइट पर भी उपलब्ध नहीं है। इसको लेकर उहापोह और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) के एक अभ्यर्थी ने बताया कि उन्हें 21 मार्च को SSC CPO 2018 की मेडिकल परीक्षा में शामिल होना है, जिसमें 4000 से अधिक अभ्यर्थी सम्मिलित होंगे। एसएससी ने इस परीक्षा को टाला नहीं है जबकि निर्देश दिया है कि अगर कोई अभ्यर्थी कोरोना कोविड-2019 की वजह से मेडिकल परीक्षा में शामिल नहीं होता है, तो उसे पर्याप्त मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाने पर पुनः मौका दिया जाएगा।


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