जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त जवानों की तैनाती सुरक्षा कवायदों का हिस्सा: केंद्र सरकार

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जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त जवानों की तैनाती सुरक्षा कवायदों का हिस्सा: केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में दस हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती सुरक्षा कवायदों का हिस्सा है, इसे किसी और रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न है जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी इसे लेकर हल्ला मचा रहे हैं।

सिंह ने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंक रोधी प्रयासों और कानून -व्यवस्था से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए जवानों की तैनाती की जा रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के राजनीतिक दल 8-10 फीसदी मतदान प्रतिशत से अपनी विरासत को आगे बढ़ाना चाह रहे हैं। उन्हें डर है कि यहां हालात बदले तो बीते 30-40 सालों में बना उनक प्रभुत्व खत्म हो जाएगा।

सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर बैंक में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की है और कथित घोटाले के सिलसिले में बड़े नाम सामने आने वाले हैं। उन्होंने कहा, जब जांच पूरी होगी तो कई बड़े नाम सामने आएंगे। यह दल अपने हितों के लिये चिंतित हैं और वे जानते हैं कि उनका पर्दाफाश हो जाएगा।

कश्मीर में हालात बिगड़ने वाली चिठ्ठी जारी करने वाले आरपीएफ अधिकारी का तबादला

जम्मू कश्मीर में बिगड़ते हालात के बारे में विवादास्पद पत्र जारी करने वाले रेलवे सुरक्षाबल (आरपीएफ) के अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। इस पत्र में आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त (बडगाम) सुदेश नुग्याल ने कश्मीर में हालात बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर कानून-व्यवस्था से निपटने के लिए कर्मचारियों को कम से कम चार महीने के लिए रसद जमा कर लेने, सात दिन के लिए पानी एकत्र कर लेने और गाड़ियों में ईंधन भरकर रखने को कहा था।

आरपीएफ महानिदेशक अरूण कुमार ने बताया, आदेश जारी करने वाले अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया गया है। आपको बता दें कि इस पत्र से हलचल मच गई और सोशल मीडिया पर भी इसे खूब साझा किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ऐसे संदेश के पीछे की मंशा पर सवाल उठाए।

हालांकि, रेलवे ने स्पष्ट किया कि बिना किसी आधार के पत्र लिखा गया और अधिकारी के पास इसे जारी करने का कोई अधिकार नहीं था। अरूण कुमार ने बताया कि मुरादाबाद के वरिष्ठ संभागीय सुरक्षा आयुक्त संदीप रविवंशी को अब श्रीनगर में तैनात किया गया है ।

नुग्याल ने कर्मचारियों को ऐहतियातन कम से कम चार महीने के लिए राशन जमा कर लेने और घाटी से अपने परिवारों को दूसरी जगह भेजने को कहा था। कुमार ने कहा कि आरपीएफ आगे की कार्रवाई के लिए राज्य के दौरे पर गए आरपीएफ के महानिरीक्षक संजय सांकृत्यायन की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है ।

राज्य के विशेष दर्जे को लेकर फिर तेज हुईं अटकलें

इस बीच कश्मीर में ये अटकलें भी चल रही हैं कि केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार राज्य के विशेष दर्जे को लेकर कोई अहम फैसला ले सकती है। घाटी में अनिश्चितता के बीच राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर केंद्र से चीजों को स्पष्ट करने की मांग की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का वक्त मांगा है।

पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

वहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राज्य की राजनीतिक पार्टियों से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आवाहन किया। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। इस हफ्ते के आखिर में यह बैठक आयोजित हो सकती है।

फार्रूख अब्दुल्ला ने बताया, "मौजूदा हालत पर चर्चा के लिए आम सहमति बनाने के उद्देश्य से हम गुरुवार को सर्वदलीय बैठक कर सकते हैं। हम ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का वक्त मांगा है लेकिन उनके दफ्तर से अभी कोई जवाब नहीं आया है।"

(भाषा से इनपुट के साथ)

   

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