गाँव कनेक्शन की वो खबरें जिन्हें मिल चुका है रामनाथ गोयनका और लाडली अवॉर्ड

आपका अपना मीडिया संस्थान गाँव कनेक्शन आठ वर्ष पूरा करके नौवें वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस दौरान गांव कनेक्शन को पाठकों और दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। भारत का यह सबसे बड़ा ग्रामीण मीडिया संस्थान अब तक तीन बार रामनाथ गोयनका पुरस्कार और 12 लाडली मीडिया अवार्ड जीत चुका है।

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गाँव कनेक्शन की वो खबरें जिन्हें मिल चुका है रामनाथ गोयनका और लाडली अवॉर्ड

खेती किसानी, महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण भारत से जुड़े मुद्दों के साथ ही सरोकार की पत्रकारिता करने वाला आपका अपना गाँव कनेक्शन आज आठ साल का हो गया है। आपके प्यार की बदौलत गाँव कनेक्शन आज ग्रामीण भारत का सबसे बड़ा मीडिया प्लेटफार्म बन पाया है। आप दर्शक और पाठक हमेशा से ही हमारी ताकत रहे हैं। आपके सहयोग से ही हम ग्रामीण भारत की बुलंद आवाज़ बनने में सफल रहे हैं।

इन आठ वर्षों में गाँव कनेक्शन के काम को देश-विदेश की कई मीडिया संस्थानों ने सराहा है। गाँव कनेक्शन ने अपने इस सफर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इन उपलब्धियों ने हमारा हौसला बढ़ाया है, हमें प्रोत्साहित किया कि हम और ज़िम्मेदार होकर काम कर सकें जिससे ग्रामीण भारत की तस्वीर को पूरे देश के सामने लाया जा सकें।

गाँव कनेक्शन वर्तमान में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उड़ीसा, गुजरात, आसाम, मेघालय, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश जैसे तमाम राज्यों के 400 जिलों तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। अपनी उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए गाँव कनेक्शन तीन बार देश का सबसे बड़ा मीडिया पुरस्कार रामनाथ गोयनका अवार्ड मिल चुका है। पढ़िए वे खबरें, जिनके लिए गाँव कनेक्शन को मिला रामनाथ गोयनका अवॉर्ड-

तीन लड़कियां

गाँव कनेक्शन की स्थापना 2 दिसंबर, 2012 को हुई थी। तब यह एक साप्ताहिक अखबार के रूप में प्रकाशित होता था। गाँव कनेक्शन को पहली सफलता अपने पहले संस्करण में ही प्रकाशित कहानी 'तीन लड़कियां' के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार मिला था। यह स्टोरी 02-09 दिसम्बर 2012 के साप्ताहिक गाँव कनेक्शन अंक में प्रकाशित हुई थी और इसके लिए गाँव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिसरा और तत्कालीन एसोसिएट एडिटर मनीष मिश्र को वर्ष 2012 के 'अनकवरिंग इंडिया इनविज़िबल' श्रेणी में रामनाथ गोयनका सम्मान मिला था।


साल 2013 में गाँव कनेक्शन ने लगातार दूसरी बार रामनाथ गोयनका पुरस्कार जीता जब गाँव कनेक्शन की अनु सिंह चौधरी को 'स्पोर्ट्स जर्नलिज्म' श्रेणी में यह पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार उन्हें ग्रामीण लड़कियां कैसे खेलों के ज़ारिये ख़ुद को सशक्त बना रही हैं, इस बारे में लिखी गयी कहानियों की सीरीज़ के लिए मिला। अनु सिंह चौधरी को इन कहानियों के लिए 'लाडली राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार' भी मिल चुका है।

पढ़िए इस सीरीज की दूसरी स्टोरी- ओलंपिक का ख्वाब देखती गुड्डी


रक्तरंजित

गाँव कनेक्शन की पत्रकार दिति बाजपेयी को 'रक्तरंजित सीरीज' के लिए रामनाथ गोयनका एक्सिलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड 2018 से नवाजा गया। इस सीरीज में बलात्कार पीड़िताओं के उन मामलों को कवर किया गया जो सुर्खियाँ और हैशटैग नहीं बन सके थे। खेतों में, स्कूल के रास्ते में, शौच के लिए जाते वक़्त बलात्कार ग्रामीण महिलाओं की रोज़मर्रा की सच्चाई है, ऐसे मामलों को ध्यान में लाने के लिए गाँव कनेक्शन की सीनियर रिपोर्टर ने एक विशेष सीरीज वर्ष 2018 में की थी। इस सीरीज की खबरों को आप यहां पढ़ सकते हैं-

जब तक आप ये खबर पढ़ कर खत्म करेंगे, भारत में एक और बच्ची का बलात्कार हो चुका होगा


रामनाथ गोयनका के अलावा गाँव कनेक्शन को जेंडर सेंसिटिविटी और महिला मुद्दों के रिपोर्टिंग के लिए अब तक कुल 12 बार लाडली मीडिया अवार्ड मिल चुका है। गाँव कनेक्शन के चार पत्रकारों नीतू सिंह, निधि जम्वाल, दया सागर और दिति बाजपेई ने इस साल क्लीन स्वीप करते हुए कुल 7 लाडली मीडिया अवार्ड जीते।

इस साल की शुरूआत में गांव कनेक्शन के एशोसिएट एडिटर अरविंद शुक्ला को किसानों पर आधारित खबरों के लिए फ्री स्पीच अवार्ड 2019 से सम्मानित किया गया है। नोएडा में नोएडा मीडिया क्लब द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें रिपोर्टर कैटेगरी के प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया था। गांव कनेक्शन अपनी ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए हर साल ढेरों पुरस्कार जीतता आया है। यह सब पाठकों व दर्शकों के भरोसे और प्यार के बिना संभव नहीं है। इस विश्वास को बनाए रखें!


    

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