Gaon Connection Logo

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव की तैयारी में सरकार, सांसदों से मांगे सुझाव

#Kisan

लखनऊ। सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव करने की तैयारी में हैं। इसके लिए कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सांसदों से सुझाव मांगा है। उन्होंने बताया कि सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और प्रभावी एवं लाभप्रद बनाने के लिए इस योजना में कुछ बदलाव करने जा रही है। सांसदों से चार-पांच दिनों के भीतर सुझाव मांगा है ।

लोकसभा में किसान कल्याण अनुदानों की मांग पर चर्चा का जवाब देते हुए तोमर ने कहा, “किसानों को मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करना हमारी सरकार का लक्ष्य है। सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और प्रभावी एवं लाभप्रद बनाना चाहती है।” हालांकि इस योजना में क्या बदलाव या सुधार हो सकता है, इसकी जानकारी सरकार ने अभी नहीं दी है।

उन्होंने आगे बताया, “पीएम फसल बीमा योजना का पहले भी पुनर्गठन किया गया और यह प्रयास किया गया किसानों को कम प्रीमियम देना पड़े। तोमर ने कहा, मैं और प्रधानमंत्री दोनों इस बीमा योजना को भी पूर्ण नहीं मानते हैं । कई सदस्यों ने इस योजना के बारे में सुझाव दिए हैं। इस फसल योजना को और उपयोगी और लाभप्रद बनाया जाए, इस बारे में सदस्य दो-तीन दिनों में सुझाव दे सकते हैं। हम दखेंगे कि इस योजना को और सरल एवं प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है।”

तोमर ने दावा किया कि 2014 से पहले की अवधि की तुलना में मोदी सरकार के पांच वर्षो के कार्यकाल में इस योजना के तहत अधिक किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिला है और अधिक राशि जारी की गई है। किसानों को ऋण के संबंध में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए तोमर ने कहा कि पिछले पांच वर्षो में किसानों को बड़े पैमाने पर ऋण दिये गए हैं।

स्वामीनाथन आयोग के सुझावों को सरकार ने किया लागू: तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि मोदी सरकार ने स्वामिनाथन समिति के सुझाव के आधार पर किसानों को उनकी लागत का डेढ गुना मूल्य देने का निर्णय किया। 2014 के बाद समर्थन मूल्य के आधार पर सर्वाधिक खरीद की गई। मंत्री ने कहा कि हमें रासायनिक उर्वरकों के उपयोग का कम करना होगा और इस उद्देश्य के लिये जैविक खेती और शून्य बजट कृषि की ओर बढ़ना होगा। भारत सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है ।

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षो में कृषि क्षेत्र का सम्मान बढ़ा है और किसानों का खेती की तरफ आकर्षण बढ़ा है और प्रौद्योगिकी का उपयोग हो रहा है। मंत्री के जवाब के बाद आरएसपी के एन के प्रेमचंदन ने अपना कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया और सदन ने मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

(भाषा से इनपुट के साथ) 

More Posts

छत्तीसगढ़: बदलने लगी नक्सली इलाकों की तस्वीर, खाली पड़े बीएसएफ कैंप में चलने लगे हैं हॉस्टल और स्कूल

कभी नक्सलवाद के लिए बदनाम छत्तीसगढ़ में इन दिनों आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलने लगी है; क्योंकि अब उन्हें...

दुनिया भर में केले की खेती करने वाले 50% किसान करते हैं इस किस्म की खेती; खासियतें जानिए हैं

आज, ग्रैंड नैन को कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है, जिसमें लैटिन अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया, भारत...