Gaon Connection Logo

बिहार: कुपोषण से लड़ रहे मुजफ्फरपुर के स्वास्थ्य केद्रों को है खुद पोषण की जरूरत

#chamki Fevar

अभय राज, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर में पिछले महीने चमकी बुखार(AES) से 156 से ज्यादा बच्चों की मौत की खबर आई थी। मौतों के पीछे कुपोषण भी एक वजह बताई गई। बिहार के बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में मील डे मील और जिला अस्पतालों में पोषण पुनर्वास की योजना लागू है। लेकिन मुजफ्फरपुर में ऐसे कुछ केंद्र हैं जिनकी स्थितियों पर गौर करने के बाद लगता है कि इन केंद्रों को खुद पोषण की जरूरत है।

सदर अस्पताल के पुनर्वास केंद्र में है स्टाफ की कमी

दो साल पहले पोषण पुनर्वास केंद्र की मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में स्थापना की गई है। इस केंद्र में एक एक डाइटीशियन और एक न्यूट्रीशियन सहित दस लोगों की तैनाती होनी चाहिए। बीस बेड का यह केंद्र केवल एक ANM के सहारे चल रहा है। जहां डाइटीशियन की देख रेख में बच्चो को भोजन मिलना चाहिये वहां बीमार बच्चों के  परिजनों ने बताया कि यहां तो समय से खाना नही मिलता है। समय से खाना न मिलने के कारण वह होटल में खाना खाने को मजबूर हैं।


ये भी पढ़ें- बिहार: मुजफ्फरपुर के बाद गया में चमकी बुखार का कहर, छह बच्चों की मौत

एक एनएम के सहारे पूरा पुनर्वास केंद्र

ड्यूटी पर मौजूद एएनएम गायत्री कुमारी ने बताया कि स्टाफ की कमी की वजह से उन्हें 12 से 24 घण्टे तक ड्यूटी करनी पड़ती है। इससे उनकी भी तबियत खराब हो जाती है। यहां डॉक्टरों और नर्सो की काफी कमी है।उन्होंने कहा कि सरकार को यहां और तैनाती का निर्देश देना चाहिए।


 मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने भी माना स्टाफ की कमी

सदर अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ मेहंदी हसन ने भी स्वीकार किया कि स्टाफ की कमी है। डाइटीशियन की तैनाती यहां हुई ही नहीं है। बच्चो को खाना अभी अस्पताल के जनरल वार्ड से ही मिलता है। कर्मचारियों की भी कमी है। कूक की कमी है। किसी तरह काम चल रहा है। इन सब कमियों को लेकर विभाग को चिट्ठी भी लिखी गई है।

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से इतनी मौतें होने के बाद भी प्रशासन अभी तक चेती नहीं है। स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सदर अस्पताल सब अभी तक उसी बदहाल स्थिति में हैं और डाक्टरों और स्टाफ की कमी से जुझ रहे हैं।  

More Posts

अंधविश्वास के पीछे का विज्ञान बताते हैं ओडिशा के गुरु जी; राष्ट्रपति ने किया राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित

शिक्षक दिवस के मौके पर ओडिशा के संतोष कुमार को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया है। इसके पीछे उनकी बरसों की...