पाकिस्तान में तोड़ा गया ऐतिहासिक गुरु नानक महल, खिड़की-दरवाजों को बेच डाला
पाकिस्तान की अपनी नापाक हरकतों के लिए जाना जाता है। ऐसे में वह एक बार चर्चा में आ गया है। पाक के पंजाब प्रांत में कुछ स्थानीय लोगों ने ऐतिहासिक गुरुनानक महल के एक बड़े हिस्से को तोड़ दिया है।
गाँव कनेक्शन 27 May 2019 12:42 PM GMT

लखनऊ। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुछ स्थानीय लोगों ने ऐतिहासिक गुरुनानक महल के एक बड़े हिस्से को तोड़ दिया है। माना जा रहा है कि सरकारी विभाग के अधिकारियों की मौन सहमति के बाद स्थानीय लोगों ने महल में तोड़फोड़ की है। इसके बाद महल की कीमती खिड़कियों और दरवाजों को भी तोड़कर बेच दिया गया।
यह जानकारी डॉन समाचार पत्र की रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट के अनुसार इस चार मंजिला इमारत की दीवारों पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के अलावा हिंदू शासकों और राजकुमारों की तस्वीरें थीं।
Pakistan media: 'Historical Guru Nanak palace' partially demolished by locals in Narowal in Punjab province.Its construction comprised old bricks, sand, clay and limestone.
— ANI (@ANI) May 27, 2019
डॉन समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि बाबा गुरु नानक महल चार सदी पहले बनाया गया था और इसमें भारत समेत दुनियाभर से सिख आया करते हैं। इसमें बताया गया है कि प्रांतीय राजधानी लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर नारोवाल शहर में बने इस महल में 16 कमरे थे और हर कमरे में कम से कम तीन दरवाजे और कम से कम चार रोशनदान थे।
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डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकारी विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से स्थानीय लोगों के एक समूह ने महल को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया और उसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे और रोशनदान भी बेच दिए। अधिकारियों को इस महल के मालिक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय निवासी मोहम्मद असलम ने कहा, इस पुरानी इमारत को बाबा गुरु नानक महल कहा जाता है और हमने उसे महलां नाम दिया है। भारत समेत दुनियाभर से सिख यहां आया करते थे।
एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ ने कहा, सरकारी विभाग के अधिकारियों को इस बारे में बताया गया कि कुछ प्रभावशाली लोग इमारत में तोड़फोड़ कर रहे हैं लेकिन किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की और न ही कोई यहां पहुंचा। अशरफ ने कहा, प्रभावशाली लोगों ने सरकारी विभाग की मौन सहमति से इमारत को ध्वस्त कर दिया और उसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे, रोशनदान और लकड़ियों को भी बेच दीं।
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समाचार पत्र ने कहा कि उसने इवेक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के उपायुक्त से लेकर इमारत में रहने वाले परिवार तक कई लोगों से बात करने की कोशिश की ताकि यह पता लगाया जा सके कि इमारत की कानूनी स्थिति क्या है, इसका मालिक कौन है और कौन सी सरकारी एजेंसी इसका रिकॉर्ड रखती है, लेकिन समाचार पत्र को कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
इस मामले को लेकर नरोवाल के उपायुक्त वहीद असगर ने कहा, 'राजस्व रिकॉर्ड में इस इमारत का कोई जिक्र नहीं है। यह इमारत ऐतिहासिक है और हम नगरपालिका समिति के रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं।' ईटीपीबी सियालकोट क्षेत्र के 'रेंट कलेक्टर' राणा वहीद ने कहा, 'हमारी टीम गुरु नानक महल बाटनवाला के संबंध में जांच कर रही है। यह संपत्ति ईटीपीबी की है तो इसमें तोड़-फोड़ करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इलाके के लोगों ने प्रधानमंत्री इमरान खान से तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
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