प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की थी। अब इस संबंध में जरूरी गाइडलाइन भी आ चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी इस गाइडलाइन में लॉकडाउन के दौरान कम जोखिम वाले क्षेत्रों में थोड़ी-बहुत छूट दी गई है। हालांकि यह छूट अगले सप्ताह 20 अप्रैल से लागू होगी।
इस लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक छूट कृषि क्षेत्र को दी गई है। गेहूं कटाई और आने वाले कुछ दिनों में धान बुवाई का सीजन शुरू होने वाला है। इसको देखते हुए सरकार ने किसानों और कृषक मजदूरों को बुवाई, कटाई और छटाई का काम करने की छूट दी है। इस काम में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए खाद, बीज, कीटनाशकों की दुकानें, कृषि उपकरणों की दुकानें, उनके मरम्मत और उनके स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुली रहेंगी।
हालांकि सरकार ने इस दौरान किसानों को सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। सरकार ने कटाई से जुड़ी मशीनों (कंपाइन) को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर भी रोक हटा दी है। वहीं मछली पालकों को भी बड़ी राहत देते हुए सरकार ने इससे जुड़ी गतिविधियों और ट्रांसपोर्ट को चालू रखने का निर्देश दिया है। दुग्ध उत्पादों का निर्माण करने वाले प्लांट भी खोले जा सकेंगे। मवेशियों के चारा से जुड़े प्लांट खुलेंगे और भूसे की सप्लाई चालू रहेगी।
सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले छोटे-छोटे उद्योगों को भी काम करने की छूट भी 20 अप्रैल से दी है। कृषि और लघु उद्योग संबंधी गतिविधियों को गांवों में शुरू होने के साथ ही उन प्रवासी मजदूरों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो लॉकडाउन के दौरान गांव लौटे हैं। हालांकि खेती-किसानी संबंधी तमाम गतिविधिया लॉकडाउन के पहले चरण में भी जारी थीं। सरकार ने मनरेगा के कामों को सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करते हुए शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें भी सिंचाई और जल संरक्षण से जुड़े कामों को प्राथमिकता दी जाएगी।
निर्माण मजदूरों को थोड़ी सी राहत देते हुए सरकार ने फ्लैट निर्माण को शर्तों के साथ चालू करने की सीमित छूट दी है। औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक संस्थानों को खोलने की छूट दी जाएगी बशर्ते वे अपने यहां काम करने वाले श्रमिकों और कर्मचारियों को अपने परिसर में ही ठहराने का इंतजाम करें। इसके अलावा कम जोखिम वाले जिलों में (जहां कोरोना के एक भी मामले नहीं हैं) आईटी से जुड़ी कंपनियों को वर्कफोर्स के 50 प्रतिशत स्ट्रेंथ के साथ काम करने की इजाजत दी गई है। इस दौरान सोशल डिस्टेसिंग के मानकों का भी पालन करना होगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी नियोक्ता की होगी।
दवा और फार्मा की दुकानें पहले की तरह ही खुली रहेंगी। उन इलाकों में सड़क के मरम्मत और निर्माण को छूट दी गई है, जहां भीड़ जमा ना होने की संभावना हो। बैंक, एटीएम और पोस्टल सर्विसेज पूर्ववत तरीके से चालू रहेंगी। सरकार ने शैक्षणिक गतिविधियों को ऑनलाइन टीचिंग और डिस्टेंस लर्निंग के जरिये चालू करने का निर्णय लिया है, हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि इसे सरकार सरकारी स्कूलों में, जहां पर मूलभूत सुविधाओं की ही कमी होती है, कैसे लागू करती है।
सरकार ने ट्रान्सपोर्टेशन संबंधी कई छूटे दी हैं। इमरजेंसी के हालात में चारपहिया वाहन में ड्राइवर के अलावा केवल एक व्यक्ति ही कहीं आ जा सकेगा, वहीं दोपहिया वाहनों पर सिर्फ एक ही शख्स यानी उसका चालक सवार हो सकता है। मास्क पहनना अनिवार्य होगा और इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
सभी ट्रकों और सामान ढोने वाले वाहनों को छूट रहेगी। एक ट्रक में 2 ड्राइवरों और एक हेल्पर के रहने की इजाजत होगी। हाईवे पर ट्रक वालों को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए ऑटोमोबाइल मरम्मत की दुकानें और ढाबें भी कुछ निश्चित शर्तों के साथ खुलेंगी। सभी जरूरी सामानों जैसे पेट्रोलियम, एलपीजी प्रोडक्ट्स, दवाओं, खाद्य सामग्रियों के ट्रांसपोर्टेशन को इजाजत रहेगी।
सामानों के लोडिंग-अनलोडिंग के काम को भी छूट मिली है, इससे पल्लेदारों और ठेले वालों को रोजगार मिल सकेगा। रेलवे की मालगाड़ियों को छूट बरकरार रहेगी ताकि सभी जरूरी सामानों की सप्लाई चेन बनी रहे। किराना की दुकानों, राशन की दुकानों, फल, सब्जी, मीट, मछली, पोल्ट्री, खाद्यान्न, डेयरी और मिल्क बूथ, मवेशियों के चारे की दुकानों की छूट को बरकरार रखा गया है।
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के भी छूट को बरकरार रखा गया है, वहीं डीटीएच और केबल सर्विस देने वाले कंपनियों को भी छूट होगी। ई-कॉमर्स कंपनियों की गतिविधियों, इनके ऑपरेटरों की गाड़ियों को भी 20 अप्रैल के बाद छूट होगी, हालांकि उसे इसके लिए प्रशासन से इजाजत लेना होगा। सरकारी काम में लगीं डेटा और कॉल सेंटर सर्विसेज और प्राइवेट सिक्यॉरिटी सर्विसेज को भी 20 अप्रैल के बाद काम शुरू करने की इजाजत दी गई है।
गृह मंत्रालय के इस गाइडलाइन के अनुसार अगर कोई शख्स क्वारंटीन किया गया है मगर नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी। सरकार ने कहा है कि यह सब छूटें तभी सही ढंग से लागू और प्रभावी हो सकेंगी, जब सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पूर्णतया पालन किया जाए। इसकी जिम्मेदारी सभी नागरिकों की है।
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