बेरोजगारी : लाखों पद खाली लेकिन नहीं हो रहीं भर्तियां

45 साल में बेरोजगारी दर सबसे अधिक होने के बाद भी सरकारी विभागों में भर्तियां नहीं हो रही हैं जबकि इन विभागों में लाखों पद खाली हैं। SSC CGL 2017 के तहत ही हजारों खाली पदों की सही सूचना अभ्यर्थियों को नहीं मिल पा रही है, जिसकी वजह से अभ्यर्थी असमंजस की स्थिति में हैं।

Daya Sagar

Daya Sagar   26 Jun 2019 8:10 AM GMT

लखनऊ। पटना के दीपक कुमार (30 वर्ष) को अगले महीने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की मेन्स परीक्षा देनी है लेकिन परीक्षा की तैयारी छोड़ आज-कल वह दिल्ली में विभिन्न मंत्रालयों, सरकारी कार्यालयों और नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के कंबांइड ग्रेजुएट लेवल-2017 (एसएससी सीजीएल-2017) की परीक्षा दी थी जिसका रिजल्ट आना बाकी है।

दीपक को उम्मीद है कि रिजल्ट में उनका नाम तो आ जायेगा लेकिन उन्हें मनचाही नौकरी नहीं मिल पाएगी। मरीन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट दीपक कुमार को नियंत्रक व महालेखापरीक्षक विभाग (कैग) में असिस्टेंट एकाउंट ऑफिसर बनना था लेकिन लगता है उनका यह सपना अधूरा रह जाएगा।

ऐसा इसलिए है क्योंकि एसएससी ने जून, 2019 के अपने नए नोटिफिकेशन में सीजीएल 2017 के लिए कई महत्वपूर्ण विभागों में पदों की संख्या को कम या एकदम से खत्म कर दिया है। दीपक का कहना है कि ऐसे लगभग 1650 पद हैं जिसे एसएससी ने 2017 और 2019 के दौरान खत्म किया है जबकि इस दौरान विभागों में कोई भर्तियां नहीं हुई। दीपक और उनके कई साथी आज-कल इन्हीं भर्तियों की संबंधित जानकारी के लिए एसएससी, मंत्रालयों, विभागों और नेताओं का चक्कर लगा रहे हैं।


नहीं है नौकरियों की कमी, देश में लाखों पद खाली

कई मीडिया रिपोर्ट्स और अभ्यर्थियों द्वारा उपलब्ध कराई गई आरटीआई के माध्यम से गांव कनेक्शन ने पाया कि केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में ही एक लाख से ऊपर पद खाली हैं लेकिन इन वैकेंसी को भरे जाने के लिए एसएससी या अन्य विभागों की तरफ से कोई पहल नहीं हो रही है। ऊपर से पहले के वैकेंसी को ही लगातार कम किया जा रहा है।

एक आरटीआई के जवाब में केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास महानिदेशालय ने बताया कि केंद्र की अप्रत्यक्ष कर और कस्टम विभाग (Central Board of Indirect Taxes & Customs- CBITC) में ही करीब 38586 पद (42 फीसदी) पोस्ट खाली हैं।

इस आरटीआई के अनुसार सीबीआईसी में ग्रुप ए, ग्रुप बी और ग्रुप सी को मिलाकर कुल 91929 कर्मचारी होने चाहिए लेकिन वर्तमान में सिर्फ 53148 कर्मचारी ही सीबीआईसी में तैनात हैं। इस तरह सीबीआईसी में ही कुल 38586 पद खाली हैं लेकिन इसे भरने के लिए कोई प्रक्रिया सरकारी एजेंसियों द्वारा नहीं की जा रही है।


इस आरटीआई को दायर करने वाले सीबीआईसी के ही एक कर्मचारी संजय थुल गांव कनेक्शन को बताते हैं, "सिर्फ सीबीआईसी नहीं रेलवे, दिल्ली पुलिस, आय कर विभाग, सेंट्रल एक्साइज विभाग, जल आयोग, कॉर्पोरेट अफेयर्स, प्रत्यक्ष कर विभाग, सांख्यिकी मंत्रालय, रक्षा विभाग, गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय सहित कई विभागों में कर्मचारियो की भारी कमी हैं। अगर इन्हें जोड़ दिया जाए तो इनकी संख्या एक लाख से भी अधिक पहुंचेगी।"

क्या है विभिन्न विभागों का कहना?

कैग का कहना है कि उनके पास असिस्टेंट एकाउंट ऑफिसर सहित लगभग सभी पदों पर कर्मचारियों की भारी कमी है। दीपक और उनके साथियों द्वारा दायर किए गए आरटीआई के जवाब में कैग ने बताया है कि वर्तमान में अस्सिटेंट ऑडिट ऑफिसर के 600, डिवीजनल एकाउंटेंट ऑफिसर के 600, एकाउंटेंट/जूनियर एकाउंटेंट के 500 और ऑडिटर/असिस्टेंट ऑडिटर के 200 पद खाली हैं। यह सभी पद एसएससी सीजीएल के अन्तर्गत ही आते हैं। एक अन्य आरटीआई के अनुसार कैग में लगभग 50 प्रतिशत पद खाली हैं।

एसएससी ने मई 2017 में जब इस परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था तब कैग के ऑडिटर पद के लिए कुल 900 वैकेंसी थी लेकिन एसएससी ने अब इस वैकेंसी की संख्या को घटा कर सिर्फ 200 कर दिया है। इसी तरह कैग में ही एकाउंटेंट और जूनियर एकाउंटेंट के लिए कुल 500 पद थे जिसे बाद में एकदम से घटाकर शून्य कर दिया गया।

कैग में ही असिस्टेंट एकाउंट ऑफिसर पद के लिए भी 2017 की अधिसूचना में 100 पद निर्धारित किए गए थे लेकिन अब इसकी संख्या शून्य है। इसी तरह इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के पदों को भी घटाकर 401 से 261 और एक्साइज विभाग में अपर डिविजन क्लर्क के 227 पदों को घटाकर 110 कर दिया गया।

कुल मिलाकर 1650 पदों को वर्ष 2017 से 2019 के बीच घटाया गया है। ऐसा क्यों किया गया है इसका जवाब ना तो एसएससी दे रहा है और ना ही संबंधित विभाग और मंत्रालय।


मर्चेंट नेवी की नौकरी छोड़ सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे दीपक कहते हैं, "यह सब बहुत निराश और हताश करने वाला है। पहले हम पेपर लीक होने के बाद कोर्ट के चक्कर में पड़े। अब जब कोर्ट ने स्टे क्लियर कर दिया है तो एसएससी विभिन्न पदों पर भर्तियां कम कर दे रही है।"

"जब से नया नोटिफिकेशन आया है तब से हम आरटीआई, एसएससी मुख्यालय और विभिन्न विभागों की भागा-दौड़ी ही कर रहे हैं। ऐसे में आगे आने वाली परीक्षा की तैयारी भी प्रभावित हो रही है।" दीपक निराश होकर बताते हैं।

दीपक की तरह हजारों अभ्यर्थी पहले एसएससी का पेपर लीक होने और मामले को कोर्ट में जाने से असमंजस की स्थिति में थे। अब जब दो साल बाद इस परीक्षा का परिणाम सामने आ रहा है तो ये अभ्यर्थी फिर से असमंजस की स्थिति में हैं।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिजल्ट से स्टे हटने के बाद एसएससी सीजीएल 2017 का अंतिम परिणाम जारी करने वाला है। इसके लिए चयनित उम्मीदवारों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और टाइपिंग टेस्ट होने लगा है।

एसएससी और विभागों के बीच समन्वय ना होने का खामियाजा भुगत रहे अभ्यर्थी

कैग और सीबीआईसी की ही तरह रक्षा मंत्रालय में कंट्रोलर जनरल फॉर डिफेंस एकाउंट (सीजीडीए/CGDA) के ऑडिटर पद के लिए एसएससी-सीजीएल 2017 के नोटिफिकेशन में शून्य पद है। जबकि रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस विभाग में तीन हजार से अधिक पद खाली हैं।

हालीशहर, चौबीस परगना (पश्चिम बंगाल) के एक अभ्यर्थी मानिक दास ने जब रक्षा मंत्रालय से आरटीआई के जरिये पूछा तो मंत्रालय ने जवाब में बताया कि सीजीडीए में ऑडिटर पद के लिए कुल 3082 पद खाली हैं। मंत्रालय ने यह भी बताया कि इन खाली पदों को भरने के लिए एसएससी को जानकारी भी दे दी गई है।

पदों की संख्या तय करने में हमारी कोई भूमिका नहीं: एसएससी

वहीं एसएससी ने 2017 और 2018 दोनों की परीक्षाओं में इस पद पर एक भी वैकेंसी नहीं विज्ञापित किए हैं। अभ्यर्थियों ने इस संबंध में जब एसएससी से जानकारी हासिल करने की कोशिश की तो एसएससी ने दो टूक कहा, "एसएससी का पदों की संख्या के निर्धारण में कोई भूमिका नहीं होती है। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से रिक्त पदों की जो सूची आती है उसी के आधार पर पदों का निर्धारण होता है। अगर आपको इसके संबंध में कोई भी जानकारी चाहिए तो संबंधित विभाग से संपर्क करें।"

अभ्यर्थी जब इस संबंध में संबंधित विभागों और मंत्रालयों से आरटीआई के जरिये जानकारी मांगते हैं तो कहा जाता है विभाग और मंत्रालय की तरफ से एसएससी को खाली पदों की संख्या बता दी है और यह एसएससी का काम है कि वह इन खाली पदों का भरें।

जैसे, सांख्यिकी मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार उनके यहां जूनियर सांख्यिकी अधिकारी (JSO) के लिए 560 पद खाली हैं। इसमें से 124 पद एसएससी सीजीएल-2017 और 274 पद एसएससी सीजीएल- 2018 के लिए निर्धारित किए गए हैं। जबकि 162 पदों का भरा जाना अभी भी सुनिश्चित नहीं है।

जहां एक तरफ सांख्यिकी मंत्रालय अपनी वेबसाइट पर एसएससी सीजीएल-2017 के लिए 124 पद दिखा रहा है, वहीं एसएससी के नोटिफिकेशन में इस पद पर सिर्फ 50 वैकेंसी ही है। बाकि के 74 पदों को कैसे भरा जाएगा इसका जवाब शायद ही एसएससी के पास है।

सवाल पूछने पर एसएससी करता है दुर्व्यवहार

जब जवाब पाने के लिए अभ्यर्थी एसएससी कार्यालय में संपर्क करते हैं तो उनके साथ असभ्य तरीके से व्यवहार किया जाता है। अभ्यर्थी जब फोन करके पूछते हैं तो सही जानकारी देने की बजाय उनसे अभद्र तरीके से बात की जाती है और जब आरटीआई के द्वारा सवाल पूछते हैं तो रटा-रटाया जवाब मिलता है कि इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।


इस तरह अभ्यर्थी एसएससी और विभिन्न सरकारी विभागों के बीच बेहतर समन्वय ना होने का खामियाजा भुगत रहे हैं।

पिछले सात साल में सबसे कम पद

लखनऊ के अभ्यर्थी अंकित श्रीवास्तव कहते हैं, "एसएससी अगर सभी खाली पदों को जोड़ ले तो 5000 से अधिक अभ्यर्थियों को नौकरी मिलेगी। इससे सिर्फ 5000 अभ्यर्थी नहीं बल्कि 5000 परिवारों को भला होगा। हमें समझ नहीं आ रहा कि जब पद खाली हैं और तीन चरणों की परीक्षा देकर योग्य और सक्षम उम्मीदवार भी सामने हैं तो भी एसएससी क्यों भर्तियां नहीं कर रही है?"

"एसएससी का विभिन्न विभागों के साथ तालमेल नहीं है। यह हमारे द्वारा दायर किए गए आरटीआई के जवाबों से साफ पता चलता है। लेकिन इसका खामियाजा दो साल से परिणाम का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को ही क्यों भुगतना पड़ रहा है?" अंकित सवाल उठाते हैं।

आपको बता दें कि एसएससी ने सीजीएल-2017 के लिए जितने वैकेंसी निकाले थे वो पिछले पांच साल में सबसे कम थे। इसलिए अगर एसएससी इसमें बढ़ोतरी करती है तो भी वह हर साल के औसत को ही पार करेगी।


भारत में बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे अधिक

हाल ही में आई नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की 2017-18 के रिपोर्ट के अनुसार भारत में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी हो गई है जो कि 1972-73 के बाद सबसे अधिक है। वहीं सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की सर्वे कहती है कि 2019 में यह आंकड़ा और भी बढ़ा है। इसके रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल, 2019 में बेरोजगारी दर बढकर 7.2 फीसदी हो गई है।

'कर्मचारियों की कमी से देश को ही घाटा'

कस्टम, सेंट्रल एक्साइज कर्मचारी वेलफेयर संगठन के अध्यक्ष संजय थुल कहते हैं, "कर्मचारियों की कमी से विभाग के दूसरे कर्मचारियों, देश के युवाओं और देश सबका ही घाटा हो रहा है। जहां कर्मचारियों की कमी की वजह से विभाग के दूसरे कर्मचारियों पर काम का भार बढ़ रहा हैं। काम के बढ़ते बोझ की वजह से कई कर्मचारी मानसिक प्रताड़ना से भी गुजर रहे हैं। मेरे साथ के कई कर्मचारी तो इस वजह से जल्दी रिटायरमेंट ले चुके हैं। वहीं देश को भी इससे नुकसान हो रहा हैं।"

"मसलन अगर आयकर विभाग में कर्मचारी कम हैं तो इसका असर देश की राजस्व वसूली पर पड़ रहा है। वहीं देश की एक बड़ी युवा आबादी को भी बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही हैं। सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इन खाली पदों पर भर्तियां करें।" संजय थुल आगे कहते हैं।

संजय थुल इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय तक को चिट्ठी लिख चुके हैं लेकिन उन्हें कहीं से भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। थुल कहते हैं कि सचिववालयों में बैठे अधिकारियों और मंत्रियों के रवैय्ये को देखते हुए निकट भविष्य में भी ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा कि इन खाली पदों को भरा जाए।


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