लखनऊ। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। 15 जजों ने कुलभूषण जाधव के पक्ष में फैसला सुनाया।
भारत के रिटायर्ड नौसेना अधिकारी जाधव (49) को जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। जिसे भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में चुनौती दी थी। उसे सजा सुनाए जाने का भारत में कड़ा विरोध हुआ था। प्रेसीडेंट ऑफ दी कोर्ट न्यायाधीश अब्दुल कावी अहमद यूसुफ ने सार्वजनिक सुनवाई के दौरान फैसला पढ़ा।
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के उस अधिकार का दमन किया जिसमें भारत कुलभूषण जाधव से सम्पर्क कर उनके लिए केस लड़ सकता था। कोर्ट ने कहा कि इस वजह से कुलभूषण को कोई कानूनी सहायता नहीं मिल पाई। यह वियना समझौते का हनन है।
ICJ: Court finds that Pakistan deprived India of the right to communicate with and have access to Kulbhushan Jadhav, to visit him in detention&
to arrange for his legal representation,and thereby breached obligations incumbent upon it under Vienna Convention on Consular Relations https://t.co/6lYCuEZvlw— ANI (@ANI) July 17, 2019
इस हाई प्रोफाइल मामले में फैसला आने के करीब पांच महीने पहले न्यायाधीश यूसुफ के नेतृत्व में आईसीजे की 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलें सुनने के बाद 21 फरवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था। मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में दो साल और दो महीने का वक्त लगा।
भारत के गृहराज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने उम्मीद जताई थी कि फैसला कुलभूषण जाधव के पक्ष में जाएगा। उन्होंने कहा था कि कुलभूषण जाधव, अभिनंदन की तरह भारत वापसी करेंगे।
वहीं पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैजल ने कहा था कि पाकिस्तान ने आईसीजे के समक्ष मुकदमा पूरी तरह से लड़ा और वह अच्छे फैसले की उम्मीद कर रहा है। पाकिस्तान ने यह भी कहा था कि वह आईसीजे के फैसले को स्वीकार करेगा। हालांकि अब वह कह रहा है कि वह इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा।
क्या है वियना समझौता?
1963 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने ‘वियना कन्वेंशन ऑन कांसुलर रिलेशंस’ के नाम से एक संधि की जाती है। इस संधि के धारा 36 के तहत अगर किसी विदेशी नागरिक को कोई देश अपनी सीमा के भीतर गिरफ्तार करता है तो संबंधित देश के दूतावास को बिना किसी देरी के तुरंत इसकी सूचना देनी पड़ती है।
इसके अलावा इस धारा में विदेशी नागरिक को सभी कानूनी मदद पहुंचाने का प्रावधान भी है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में इसी आर्टिकल 36 के प्रावधानों का हवाला देते हुए जाधव का मामला उठाया था।
सुषमा स्वराज सहित कई नेताओं ने जताई खुशी
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कुलभूषण जाधव को मिली राहत पर खुशी जताई है। उन्होंने पीएम मोदी और इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत में लड़ रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को इसके लिए बधाई दी। स्वराज के अलावा कई और प्रमुख नेताओं ने भी इसे भारत की जीत बताया है।
I thank the Prime Minister Shri @narendramodi for our initiative to take Jadhav’s case before International Court of Justice. /2
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 17, 2019
It’s a big diplomatic win for India. I Congratulate our Prime Minister Shri @narendramodi ji, Former EAM @SushmaSwaraj ji, and Senior Advocate Harish Salve for their tireless efforts in the matter of Mr. Kulbhudhan Jadhav. @harishsalvee #KulbhushanJadhav
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 17, 2019
It’s a big diplomatic win for India. I Congratulate our Prime Minister Shri @narendramodi ji, Former EAM @SushmaSwaraj ji, and Senior Advocate Harish Salve for their tireless efforts in the matter of Mr. Kulbhudhan Jadhav. @harishsalvee #KulbhushanJadhav
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 17, 2019