लॉकडाउन में बदहाली झेल रही अंडर-17 इंडिया कैंप की आठ महिला फुटबॉल खिलाड़ियों को झारखंड सरकार और ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के द्वारा अब मदद मिल रहा है। पहले झारखंड सरकार, फिर ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) और बाद में झारखंड फुटबॉल एसोसिएशन और मिनरवा क्लब के मालिक रंजीत बजाज इन लड़कियों की मदद के लिए आगे आए हैं।
हाल ही में लॉकडाउन में इन खिलाड़ियों की बदहाली की खबर गांव कनेक्शन और अन्य समाचार पत्रो में प्रमुखता से छपी थी। गरीबी और खिलाड़ियों के परिजनों की बेरोजगारी की वजह से इन्हें दो समय का सामान्य भोजन भी ठीक से नहीं मिल पा रहा था। सभी आठ खिलाड़ियों सुधा अंकिता तिर्की, सुमति कुमारी, पूर्णिमा कुमारी, अष्टम उरांव, अमीषा बाखला, सुनीता मुंडा, नीतू लिंडा और सलीना कुमारी के खाते में फेडरेशन ने 45 से 50 हजार रुपए जमा कराए हैं।
झारखंड सरकार ने भी इन आठ खिलाड़ियों के लिए एक खास योजना बनाई है। झारखंड के खेल विभाग ने सीएम के पास एक योजना बनाकर भेजा है, जिसके मुताबिक इनका अलग से कैंप रांची के किसी स्टेडियम में लगेगा। यहां रहकर ये लड़कियां नियमित अभ्यास करेंगी। यहां इनके रहने, खाने और अभ्यास के लिए कोच की व्यवस्था की गई है। जब तक ये इंडिया कैंप में दुबारा नहीं जाएंगी, ये यहीं रहकर खुद को तैयार करेंगी। खेल विभाग को इसके लिए झारखंड फुटबॉल एसोसिएशन से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) की जरूरत है। इसके लिए फेडरेशन को भी पत्र लिखा गया है।
इसके साथ ही पंजाब के मिनरवा फुटबॉल क्लब के संचालक रंजीत बजाज भी इन खिलाड़ियों की मदद को आगे आए हैं। बीते 10 जून की शाम को उन्होंने सभी खिलाड़ियों के खाते में दस-दस हजार रुपए जमा कराए हैं। उन्होंने कहा, “यह मेरा कर्तव्य है। देश की बेटी हमारी बेटी हैं। इन खिलाड़ियों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि ये देश का प्रतिनिधत्व करने जा रही हैं।” उन्होंने फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के पहल पर भी खुशी जताई।
It’s done guys !! All have received 10 k each in their personal accounts for immediate assistance- I am so sure these girls will make us very very proud very soon @FIFAWorldCup @FIFAWWC @IndianFootball @ILeagueOfficial @IndSuperLeague 🙏🏽🙏🏽🇮🇳🇮🇳✊🏽✊🏽🥰 #girlpower #EqualityForAll https://t.co/xBKXO8WjXF
— Ranjit Bajaj (@THE_RanjitBajaj) June 10, 2020
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि ऐसे खिलाड़ियों का पता लगा कर उन्हें तत्काल मदद मुहैया कराई जाए, चाहे वे किसी भी खेल के हों। इसके बाद सबसे पहले गुमला के जिलाधिकारी ने मामले में पहल करते हुए जिले के सभी खिलाड़ियों का लिस्ट तैयार की और उनमें से 46 जरूरतमंद खिलाड़ियों को मदद पहुंचाने की शुरूआत कर दी है।
सीएम ने बनाई नई योजना, फेडरेशन भी है खिलाड़ियों के संपर्क में
इधर अगले साल होने जा रहे अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्व कप की तैयारियों को लेकर फुटबॉल फेडरेशन भी गंभीर हो चला है। लॉकडाउन में इन खिलाड़ियों के फिटनेस, मेंटल हेल्थ, डाइट आदि को कैसे ठीक रखा जा सकता है, इस पर लगातार काम कर रहा है। टीम के मुख्य कोच थॉमस देनेरबाई और सहायक कोच एलेक्स एंब्रोज हर दिन खिलाड़ियों के वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात कर रहे हैं और निगरानी के साथ जरुरी सलाह भी दे रहे हैं।
खिलाड़ी भी इस पहल से बहुत खुश हैं। सुमति कुमारी कहती है, “बहुत हिम्मत मिला है। फेडरेशन ने काफी मदद की है। साथ ही कोच एलेक्स ने दो फुटबॉल भी भेज दिया है। खाने में खजूर, दलिया, अंडा ले रही हूं। इसके अलावा मुर्गा, मछली भी खाना शुरू कर दिया है, अब बिना किसी चिंता के अभ्यास कर रही हूं।” झारखंड की सुमति कुमारी बीते नेशनल फुटबॉल चैंपियनशिप में सबसे अधिक 17 गोल करने वाली खिलाड़ी हैं।
Respected sir
Today we have tried to provide help to all players whose data was accessible to us:
गुमला जिला के भरनो प्रखंड के पंचायत करौंदा जोर के लौंडा बीच टोली के सुमति कुमारी खिलाड़ी को दो हजार नगद एवं 50 kg चावल राशन दुकान से दिया गया@DCGumla @HemantSorenJMM @jharkhand181 pic.twitter.com/eSz468ZEdO— Manish Kumar (@ManishHardwork1) June 9, 2020
वहीं पूर्णिमा ने बताया कि उसकी डाइट भी पूरी तरह बदल चुकी है। वह फल भी खरीद लाई हैं। मुर्गा, अंडा, दूध और मछली भी ले रही हैं। इसके लिए पूर्णिमा ने अपने कोच, फेडरेशन और मदद करनेवालों का शुक्रिया भी कहा है। उन्होंने बताया कि, “कोच उसे खेल के साथ पढ़ाई पर भी ध्यान देने की बात कह रहे हैं।”
इधर झारखंड सीएमओ के एक विश्वस्त सूत्र ने गांव कनेक्शन को बताया कि जुलाई के पहले सप्ताह में भारतीय कैंप में शामिल झारखंड की सभी खिलाड़ियों को रांची लाया जाएगा। उन्हें सरकार के खर्चे पर मोरहाबादी स्थित फुटबॉल स्टेडियम में अभ्यास कराया जाएगा। इसके लिए कोलकाता के अनुभवी प्रशिक्षकों को बुलाया जा रहा है। उन्हें वही डाइट मुहैया कराया जाएगा जो भारतीय कैंप ने तय कर रखा है। इसके अलावा प्रतिदिन खिलाड़ियों को 175 रुपया के हिसाब से स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार यह भी चाहती है कि भारतीय टीम का कैंप, वर्ल्ड कप से पहले यानी फरवरी तक, रांची में ही आयोजित हो। इसका सभी खर्चा राज्य सरकार उठाने को तैयार है। इसके लिए ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। अगर सहमति होती है तो रांची में ही कैंप लगाया जाएगा। कैंप के लिए अलग से एक करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है।
फेडरेशन और सरकार की जुगलबंदी अगर जम गई तो शायद इन खिलाड़ियों का और भारत में फुटबॉल के एक सुनहरे दौड़ के चैप्टर की नई शुरूआत हो सकती है।
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