महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बनने की संभावनाओं के बीच निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण की। उन्हें एनसीपी के अजित पवार और उनके 22 विधायक साथियों का समर्थन मिला है। फड़नवीस के साथ एनसीपी नेता अजित पवार ने राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। अजित पवार बारामती सीट से 7 बार के विधायक रह चुके हैं। वह इससे पहले 2010 में भी कांग्रेस-एनसीपी सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं।
अजित पवार ने शपथ ग्रहण करने के बाद कहा, “राज्य को स्थाई सरकार की जरूरत थी जो एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस की वार्ता में बनती हुई नहीं दिख रही थी। मैं सरकार बनाने के लिए लगातार हो रही वार्ताओं से थक गया था। इसलिए हमने फड़नवीस के साथ जाकर राज्य को स्थाई सरकार देने का निर्णय लिया है। राज्य के किसानों के लिए हम साथ आए हैं।” गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ में लगातार कृषि संकट बना हुआ है। सूखे और अतिवृष्टि के कारण यहां के किसान बहुत परेशान हैं।
Ajit Pawar after taking oath as Deputy CM: From result day to this day no party was able to form Govt, Maharashtra was facing many problems including farmer issues, so we decided to form a stable Govt pic.twitter.com/GucfUVBCnm
— ANI (@ANI) November 23, 2019
वहीं मुख्यमंत्री फड़नवीस ने कहा, “बीजेपी को इस विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिला था। लेकिन चुनाव के बाद हमारे गठबंधन के साथी शिवसेना ने हमें धोखा दिया। जनादेश का अपमान करते हुए शिवसेना कुछ अन्य दलों के साथ सरकार बनाने की कोशिश करने लगी, जिसके कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया। लेकिन हमें पता था कि तीन दलों के साथ खिचड़ी सरकार बनाना संभव नहीं है। इसलिए राज्य में स्थाई सरकार बनाने के लिए हमने अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से समर्थन लिया।”
Devendra Fadnavis after taking oath as Maharashtra CM again: People had given us a clear mandate, but Shiv Sena tried to ally with other parties after results, as a result President’s rule was imposed. Maharashtra needed a stable govt not a ‘khichdi’ govt. pic.twitter.com/6Zmf9J9qKc
— ANI (@ANI) November 23, 2019
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54, कांग्रेस को 44 और अन्य को 29 सीटों पर जीत मिली थी। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन जरूरी होता है। अजित पवार के साथी 22 विधायकों के साथ बीजेपी समर्थित विधायकों की संख्या 127 हो रही है। कहा जा रहा है कि बीजेपी को कुछ निर्दलीय और शिवसेना के विधायकों का भी समर्थन मिला है, जिसके दम पर वह विश्वास मत जीतने की कोशिश करेगी।
एनसीपी के मुखिया और अजित पवार के चाचा शरद पवार ने ट्वीट कर के कहा है कि बीजेपी को मिला यह समर्थन एनसीपी का नहीं बल्कि अजित पवार का व्यक्तिगत फैसला है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि इस सरकार के पास पर्याप्त नंबर नहीं है और ये लोग सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे।
Ajit Pawar’s decision to support the BJP to form the Maharashtra Government is his personal decision and not that of the Nationalist Congress Party (NCP).
We place on record that we do not support or endorse this decision of his.— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 23, 2019
वहीं शिवसेना ने अजित पवार पर शिवसेना और महाराष्ट्र की जनता का अपमान करने का आरोप लगाया। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, “अजित पवार ने धोखा दिया। वह रात में 9 बजे हुई कांग्रेस-एनसीपी बैठक में शामिल थे। लेकिन सुबह होते हमें खबर लगी कि उन्होंने बीजेपी को समर्थन दे दिया है।” हालिया घटनाक्रम के बाद एनसीपी ने शिवसेना के साथ 12.30 बजे एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है।
WATCH: Shiv Sena’s Sanjay Raut addresses the media in Mumbai https://t.co/x25iBkbDnP
— ANI (@ANI) November 23, 2019
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