यूपी के मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल के मीड डे मिल में नमक-रोटी परोसे जाने का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल पर मुकदमा दर्ज किया गया है। वाराणसी से प्रकाशित होने वाले एक अखबार के क्षेत्रीय पत्रकार पवन जायसवाल और उनके स्थानीय सूत्र राजकुमार पाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 186,193,120B,420 के तहत 31 अगस्त की शाम को मुकदमा दर्ज किया गया।
बीते 22 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हुआ था, जिसमें एक प्राथमिक स्कूल के बच्चे नमक रोटी खा रहे थे। यह वीडियो मिर्जापुर जिले के जमालपुर ब्लॉक के शिउर प्राथमिक विद्यालय का था, जिसे स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल ने शूट किया था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मिर्जापुर के जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने स्कूल के प्रभारी अध्यापक मुरारी सिंह, ग्राम पंचायत के सुपरवाइजर और बेसिक शिक्षा अधिकारी को निलंबित किया था साथ मामले की जाँच करने के आदेश भी दिए थे।
पत्रकार पवन जायसवाल पर यह मुकदमा मिर्जापुर जिले के खंड विकास शिक्षा अधिकारी प्रेमशंकर राम की तहरीर पर दर्ज हुआ है। तहरीर में कहा गया है कि मीडिया में चलाया गया वीडियो गलत साक्ष्यों की मदद से एक साजिश के तहत प्रदेश और प्रशासन की छवि खराब करने की मंशा से बनाया गया था। तहरीर में यह भी लिखा है कि स्कूल में सब्जी उपलब्ध नहीं थी। लेकिन स्कूल में ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि होने के बावजूद ग्रामीण राजकुमार पाल ने सब्जी की व्यवस्था करने की बजाय पत्रकारों को सूचित किया, जो एक साजिश का संकेत देता है।
इस संबंध में पत्रकार पवन जायसवाल का कहना है कि जिला प्रशासन अपनी साख बचाने के लिए ऐसा कर रहा है। उन्होंने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया, “जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने वीडियो वायरल होने पर खुद मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच का निर्देश दिए थे। प्रथम दृष्टया कार्रवाई करते हुए उन्होंने स्कूल के प्रभारी अध्यापक, ग्राम पंचायत के सुपरवाइजर और बीएसए को निलंबित किया था। यह बात उन्होंने मीडिया में बयान देते हुए भी कही थी। लेकिन अब जिलाधिकारी खुद अपने बात से पीछे हट रहे हैं।” पवन ने इस मामले में जिले के कई मुख्य अधिकारियों और स्कूल की प्रधानाचार्या के शामिल होने के संकेत देते हुए कहा कि सभी अपनी गलती छिपाने के लिए हमें फंसा रहे हैं।
पूरे घटनाक्रम को समझाते हुए उन्होंने बताया कि उनके पास शिउर गांव के राजकुमार पाल का हमेशा फोन आता था कि स्कूल में कभी चावल-नमक तो कभी रोटी-नमक मिड डे मील के नाम पर बंटता है। इसी के तहत वे 22 अगस्त को स्कूल गए और मौके पर देखा कि मिड डे मील में रोटी-नमक बंट रहा है जिसका उन्होंने तुरंत वीडियो बना लिया।
पवन ने बताया जब यह वीडियो मीडिया में चला तो जिलाधिकारी ने तुरंत इसे संज्ञान में लेते हुए प्रभारी शिक्षक मुरारी सिंह, ग्राम पंचायत के सुपरवाइजर और बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित बेसिक शिक्षा अधिकारी और कुछ अन्य लोगों को निलंबित किया। लेकिन अब वे पीछे हट रहे हैं।
इस संबंध में हमने तहरीर देने वाले खंड विकास शिक्षा अधिकारी प्रेमशंकर राम से बात की तो उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर उन्होंने थाने में तहरीर दिया है। वहीँ इस मामले में प्रेमशंकर राम ने गाँव कनेक्शन को फ़ोन पर बताया, “इस घटना की जांच के लिए एक त्रिस्तरीय कमेटी का गठन किया गया था जिसमें सीडीओ मिर्जापुर, एडीएम, मिर्जापुर और एसडीएम, चुनार शामिल थे। इस कमेटी की जांच में पाया गया कि वीडियो बनाने की घटना दुर्भावनापूर्ण थी, जिसे ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि राजकुमार पाल ने पत्रकार पवन जायसवाल की मदद से अंजाम दिया।”
जब गांव कनेक्शन ने प्रेमशंकर राम से पूछा कि स्कूल में जिस वक्त वीडियो बन रहा था तो कोई अध्यापक वहां मौजूद नहीं था क्या? तब प्रेमशंकर राम ने कहा कि स्कूल में सिर्फ एक शिक्षामित्र मौजूद थीं। मिड डे मील के प्रभारी शिक्षक मुरारी सिंह भी मौजूद नहीं थे। प्रेमशंकर राम ने बताया कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका और एकमात्र शिक्षक राधा सिंह कई दिनों से स्कूल नहीं आ रही हैं इसलिए मिड डे मील बनाने का प्रभार पड़ोस के गांव दादो के शिक्षक मुरारी सिंह को दिया गया था।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका राधा सिंह के लंबे समय से अनुपस्थिति रहने पर खंड विकास शिक्षा अधिकारी प्रेमशंकर राम ने कहा, “उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया है। उनका जवाब आने पर जरूरी कार्रवाई होगी।” प्रेमशंकर राम से जब यह पूछा गया कि यह पहली बार नहीं है कि इस स्कूल के मिड डे मील में हमेशा से नमक-रोटी या नमक-चावल बंटने की खबर स्थानीय मीडिया में चली हो। तो उन्होंने इस संबंध में कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया।
अब पत्रकार पवन जयसवाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर के खिलाफ एडिटर्स गिल्ड ने चिट्ठी लिखकर सरकार से अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। इसके अलावा एफआईआर के विरोध में स्थानीय पत्रकार मिर्जापुर कलेक्टरी में इस मांग के साथ धरने पर बैठे हैं कि पत्रकार के खिलाफ दर्ज मामले को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
गांव कनेक्शन ने इस संबंध में मिर्जापुर के जिलाधिकारी अनुराग पटेल और मुख्य विकास अधिकारी प्रियंका रंजन से भी संपर्क करने की कोशिश की। डीएम अनुराग पटेल का फोन उनके अर्दली ने उठाया और कहा, “सर अभी एक मीटिंग में व्यस्त हैं। दो घंटे लग जाएंगे।” इसके बाद से उनका फोन नहीं उठा। वहीं मुख्य विकास अधिकारी प्रियंका रंजन का फोन पहुंच से बाहर बता रहा था। डीएम और अन्य अधिकारियों के बयान मिलने पर खबर को अपडेट कर दिया जाएगा।