कोरोना संकटः गरीबों, महिलाओं और मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने दिया 1.70 लाख करोड़ रूपये का राहत पैकेज

किसानों को अप्रैल के पहले सप्ताह में मिलेगी किसान सम्मान निधि की 2000 रुपये की राशि

Daya SagarDaya Sagar   26 March 2020 9:19 AM GMT

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कोरोना वायरस की वजह से देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था ठप पड़ गई है। गरीब, मजदूर से लेकर मध्यम वर्ग तक इससे परेशान है। सरकार ने इससे पार पाने के लिए 1.70 करोड़ रूपये का राहत पैकेज दिया है, जिसके प्रमुख लाभार्थी गरीब, किसान, मजदूर और महिलाएं हैं।

किसानों के लिए एक अहम घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना की किस्त किसानों को अप्रैल के पहले सप्ताह तक मिल जाएंगी। इस योजना के तहत 2 हजार रूपये की किस्त देश के 8.65 करोड़ किसानों के खाते में भेजी जाएंगी। इसके अलावा 20 करोड़ महिलाओं के खाते में अगले तीन महीने तक 500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। ये रकम जनधन खाते में दिए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि कोई गरीब भूखा न रहे, इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत आने वाले परिवारों के लिए 5 किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल देने का फैसला अगले तीन महीने तक के लिए किया है। उन्होंने कहा इसका फायदा देश के 80 करोड़ लाभार्थियों को मिलेगा। इसके अलावा ऐसे लोगों को एक किलो दाल देने का भी प्रावधान किया जाएगा। लगभग 8.3 करोड़ बीपीएल परिवारों को उज्जवला स्कीम के तहत 3 महीने तक फ्री एलपीजी गैस सिलेंडर भी दिए जाएंगे।

वहीं उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ बीपीएल परिवारों को तीन महीने तक फ्री सिलिंडर मिलेगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जो कोरोना कमांडोज इस जंग को लड़ रहे हैं, उन्हें 50 लाख का लाइफ इंश्योरेंस दिया जाएगा। इसमें डॉक्टर, सफाईकर्मी, आशा वर्कर और नर्स शामिल होंगे।

निर्मला सीतारमण ने बताया कि बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग पेंशन लाभार्थियों को 1000 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त दिए जाएंगे। ये अगले तीन महीने के लिए है। इस पहल का फायदा लगभग 3 करोड़ लोगों को होगा।

एक अहम घोषणा करते हुए मनरेगा के तहत आने वाले मजदूरों की प्रतिदिन की मजदूरी 182 रूपये से 202 रूपये तक कर दी गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि इससे 5 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे। निर्माण और दिहाड़ी मजदूरों के लिए उन्होंने कहा कि सरकार के वेलफेयर फंड में श्रमिकों के लिए 31 हजार करोड़ रूपये है, जिससे उनको मदद पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकारें भी उनकी मदद कर रही हैं।

वित्त मंत्री ने कहा है कि इस आपात स्थिति से निपटने के लिए सरकार कर्मचारी और नियोक्ताओं दोनों को मदद करेगी। इसके लिए अगले तीन माह तक सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को ईपीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन देगी। यह सुविधा उन संस्थानों के लिए हैं, जिनके यहां कम से कम 100 कर्मचारी हैं और उन 100 कर्मचारियों में से 90 फीसदी कर्मचारियों की वेतन 15000 रुपये से कम है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि इससे 80 लाख से अधिक कर्मचारी और 4 लाख से ज्यादा संस्थानों को फायदा होगा।

वहीं पीएफ निकालने की शर्तों पर भी सरकार ने ढील दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि कर्मचारी 3 महीने का वेतन या पीएफ का 75 फीसदी रकम अपने पीएफ खाते से निकाल सकेंगे। इससे 4.8 करोड़ पीएफ खाताधारकों को फायदा होगा। कोरोना संकट से उबरने के लिए सरकार ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़े 7 करोड़ परिवारों को 20 लाख रूपये तक के कर्ज को बिना गारंटी के दिये जाने की घोषणा की। इससे 7 करोड़ परिवारों को फायदा होगा। पहले यह सीमा 10 लाख रूपये थी।

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