मोदी सरकार ने कश्मीर में जम्हूरियत को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया है: अमित शाह

राज्यसभा में सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 70 साल से करीब 40 हजार लोग घर में बैठे थे, जिन्हें आज अधिकार मिला है।

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मोदी सरकार ने कश्मीर में जम्हूरियत को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया है: अमित शाहफोटो सोर्स- राज्यसभा टीवी

लखनऊ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार ने कश्मीर में जम्हूरियत को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया है। राज्यसभा में सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 70 साल से करीब 40 हजार लोग घर में बैठे थे, जिन्हें आज अधिकार मिला है।

उन्होंने कहा, "ये चालीस हजार लोग पंच-सरपंच चुने जाने का रास्ता देखते थे। लेकिन जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं कराए जाते थे और फिर दिल्ली में जम्हूरियत की बात होती है।"

गृह मंत्री ने कहा कि सूफी परंपरा कश्मीरियत का हिस्सा होती थी। पूरे देश में यह सूफीयत का गढ़ था। लेकिन वह संस्कृति धीरे-धीरे गायब होती चली गई। उनको घरों से निकाल दिया गया। उनके धार्मिक स्थानों को तोड़ दिया गया। सूफी संतों को चुन-चुन कर मारा गया।

अमित शाह ने कहा कि जो भारत को तोड़ने की बात करेगा उसको उसी भाषा में जवाब मिलेगा और जो भारत के साथ रहना चाहते है उसके कल्याण के लिए हम चिंता करेंगे। जम्मू कश्मीर के किसी भी लोगों को डरने की जरुरत नहीं है।

इससे पहले जम्मू कश्मीर में लोकसभा, विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं कराने पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा था। गृह मंत्री अमित शाह ने इसके जवाब में कहा कि चुनाव आयोग राज्य में साल के अंत तक चुनाव कराना चाहता है। अमित शाह ने कहा कि चुनाव आयोग ने कश्मीर में लोकसभा चुनाव और राज्यसभा चुनाव एक साथ कराने में असमर्थता जाहिर की थी। चुनाव आयोग का कहना था कि एक साथ चुनाव कराने पर पूरे राज्य और देश भर में एक साथ सुरक्षा व्यवस्था प्रदान नहीं की जा सकती थी।

राज्यसभा में सोमवार को जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को बढ़ाने के प्रस्ताव और जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक-2019 पर एक साथ चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने विधेयक एवं प्रस्ताव सदन में चर्चा के लिए पेश किया। भाकपा के डी राजा और कुछ अन्य सदस्यों ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाए जाने से जुड़े अध्यादेश के विरोध में संकल्प पेश किया। यह अध्यादेश एक मार्च 2019 को जारी हुआ था।

  

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