उत्तर प्रदेश सहित देश के 5 दूसरे राज्यों में राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी की सुविधा लागू हो गई। इसके तहत आप किसी भी राज्य में रहकर दूसरे राज्य के राशन कार्ड या राशन कार्ड नंबर के जरिये भी सरकारी राशन ले सकते हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दमन-दीव में यह खास सुविधा लागू हुई। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने इसे ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ की तरफ बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी की यह सुविधा इसी साल देश के 12 राज्यों में शुरू हुई थी, जिसमें आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल हैं। लेकिन लॉकडाउन होने के बाद इसे देश के अन्य हिस्सों में भी इसे लागू करने की मांग जोर-शोर से उठने लगी थी, क्योंकि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के सामने सबसे बड़ी समस्या राशन को लेकर ही आ रही थी।
National portability started today in UP. Now any person having ration card of other 15 states can avail ration from UP. Mohammed aman ramzan khan r/o Maharashtra becomes the first person to avail this. @CMOfficeUP @UPGovt @sunilverma_ias @mtaugkp8859 @yogendraanu3 pic.twitter.com/3fKXdSU0Wx
— ALOK KUMAR (@74_alok) May 1, 2020
लाखों प्रवासी मजदूरों के पास रहने के लिए अपना एक छोटा सा कमरा तो था लेकिन राशन के अभाव में वे आधा-पेट या एक समय खाली पेट सोने को मजबूर थे। इसमें सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूरों की थी।
इसलिए कई अर्थशास्त्रियों और मजदूर संगठनों ने ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ को सभी राज्यों में लागू करने, राशन वितरण प्रणाली को केंद्रीकृत करने, राशन और आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त करने और सरकारी गोदामों को मुक्त रूप से खोल देने की मांग की थी। वहीं कुछ अर्थशास्त्रियों ने यह भी अनुमान लगाया था कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो भारत के अधिकतर लोग कोरोना से पहले भूखमरी के शिकार हो जाएंगे।
स्ट्रैंडेड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क (SWAN) की एक रिपोर्ट के अनुसार शुरूआती दो हफ्ते के लॉकडाउन के बाद सिर्फ एक प्रतिशत प्रवासी मजदूरों को ही सरकारी राशन मिला था, जबकि तीसरे सप्ताह में भी सिर्फ चार प्रतिशत प्रवासी मजदूरों तक ही सरकारी राशन पहुंच सका। वहीं जनसाहस के एक सर्वे के अनुसार 10 अप्रैल तक 42.3 प्रतिशत मजदूर ऐसे थे, जिनके पास एक भी दिन का राशन नहीं बचा था और उनके सामने भूखमरी जैसे हालात बन गए थे।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना की दिशा में आज एक कदम आगे बढ़ाते हुए 5 और राज्यों- बिहार, यूपी, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दमन-दिऊ को इससे जोड़ा गया है। 1 जनवरी 2020 को कुल 12 राज्यों को आपस में जोड़ा गया था। आज से 17 राज्य Integrated Management of PDS से जुड़ गए हैं। @narendramodi
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) May 1, 2020
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत तीन महीने तक देश के लगभग 80 करोड़ गरीब लोगों को हर महीने के नियमित राशन के साथ ही प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल और एक किलो दाल मुफ्त देने की बात कही थी। केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा था कि इससे देश की दो तिहाई से अधिक जनसंख्या को लॉकडाउन के इस चुनौतीपूर्ण समय में खाद्यान्न सुविधा का लाभ मिलेगा, जो कि नागरिकों के ‘भोजन के अधिकार’ के अंतर्गत आता है।
लेकिन मुफ्त राशन की सुविधा का यह लाभ उन लोगों को नहीं मिल पा रहा था, जिनके पास राशन कार्ड नहीं था या जो अपने काम के सिलसिले में अपने घर से दूर दूसरे शहरों और राज्यों में रहते हैं। उम्मीद की जा रही है कि सरकार के इस कदम से देश के अलग-अलग कोनों में फंसे लाखों प्रवासी मजदूरों को फायदा होगा।
इस सुविधा को लागू करते हुए केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, “इससे 17 राज्यों में रहने वाले खाद्य सुरक्षा कानून के लगभग 60 करोड़ योग्य लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। हम चाहते हैं कि एक जून तक देश के बाकी बचे राज्य भी इस योजना में शामिल हो जाएं।”
उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे 40 लाख लोगों को भी प्रधानमंत्री गरीब योजना के तहत शामिल किया जा रहा है, जो खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभार्थी बनने के योग्य तो हैं, लेकिन उनके पास राशन कार्ड नहीं है। इसमें से अकेल लगभग 14 लाख लोग बिहार के हैं। पासवान ने कहा राज्यों से डाटा लेकर ऐसे लोगों के लिए जल्द से जल्द राशन कार्ड बनाया जा रहा है, ताकि उन्हें संकट की इस घड़ी में राशन की कोई दिक्कत ना हो।
बिहार के मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी से आग्रह है कि पहले जल्द से जल्द बचे हुए सभी 14.04 लाख लाभुकों की पहचान कर उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में लाने का कष्ट करें, ताकि उन्हें इसके तहत राशन मुहैय्या करवाया जा सके। 3/3 @narendramodi
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) May 1, 2020
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