लखनऊ। सोनभद्र में हुए गोलीकांड में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को आखिरकार पीड़ितों के परिजनों से मिलने में सफलता हासिल हुई। हालांकि प्रशासन के रोक के कारण प्रियंका मारे गए लोगों के परिवार से मिलने खुद नहीं जा पाईं। परिजनों को प्रियंका से मिलने चुनार गेस्ट हाउस आना पड़ा। पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद वह भावुक हो गईं।
क्या इन आँसुओं को पोंछना अपराध है? pic.twitter.com/HdPAEkGJGj
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 20, 2019
इससे पहले शुक्रवार को प्रियंका गांधी को पीड़ितों के परिजनों से मिलने में सफल नहीं रही थीं। गोलीकांड में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करने गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को अधिकारियों ने वापस लौटाने की कोशिश की थी। लेकिन अधिकारियों की सलाह नहीं मानते हुए प्रियंका गांधी ने चुनार गेस्ट हाउस में रात काटी।
प्रियंका और अधिकारियों के बीच दो दौर की बातचीत नाकाम रही थी। लेकिन प्रियंका और उनके सैकड़ों समर्थक चुनार गेस्ट हाउस में ही डटे रहे। प्रियंका ने देर रात किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में बताया, “उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक बृजभूषण, वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल और पुलिस उपमहानिरीक्षक को मुझसे यह कहने के लिए भेजा कि मैं यहां पीड़ितों से मिले बगैर वापस चली जाऊं। ना मुझे हिरासत में रखने का आधार बताया गया है और ना ही कोई कागज दिए गए।”
मैंने यह स्पष्ट करते हुए कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आयी थी सरकार के दूतों से कहा है कि बग़ैर मिले मैं यहाँ से वापस नहीं जाऊँगी।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ्तारी हर तरह से गैरकानूनी है। मैंने स्पष्ट कर दिया है कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आई हूं। मैंने सरकार के दूतों से कहा है कि मैं उनसे मिले बगैर वापस नहीं जाऊंगी।
प्रियंका गांधी ने एक वीडियो भी ट्वीट किया जिसमें वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी रात करीब 1:15 बजे वापस जाते दिखे। चुनार गेस्ट हाउस में प्रियंका के साथ मौजूद कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने बताया कि सरकार बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करके उन्हें गेस्ट हाउस छोड़ने पर मजबूर कर रही है लेकिन उनके कदम पीछे नहीं हटेंगे।
अजय कुमार लल्लू ने बताया कि पूरी रात बिजली नहीं आई। इस दौरान प्रियंका सुबह करीब 4:30 बजे तक कार्यकर्ताओं के साथ बैठी रहीं। उन्हें प्रशासन ने धारा 151 के तहत हिरासत में भी लिया। बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस लाया गया।
प्रशासन के आला अधिकारियों ने उन्हें सोनभद्र में धारा 144 लागू होने की बात कहते हुए वापस लौट जाने को कहा लेकिन प्रियंका ने उन्हें जवाब दिया कि वह अकेली ही सोनभद्र जाकर पीड़ितों से मिलने के लिए तैयार हैं। ऐसे में धारा 144 का तनिक भी उल्लंघन नहीं होगा। उन्होंने साफ किया कि वह उनसे मिले बगैर वापस नहीं जाएंगी।
योगी सरकार को प्रियंका गांधी से डर क्यों लगता है : कांग्रेस
वहीं कांग्रेस ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि आखिर वह प्रियंका से डरी हुई क्यों है? पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “क्या पूरे उम्भा गाँव (सोनभद्र) को पुलिस छावनी में बदलकर सच दबा पाएगी आदत्यिनाथ सरकार? भाजपा सरकार को प्रियंका गांधी से डर क्यों लगता है?”
‘अंधेर नगरी, चौपट राजा’,
ये है यू.पी की भाजपा सरकार।आख़िर आदित्यंनाथ सरकार नरसंहार से पीड़ित परिवारों को श्रीमती प्रियंका गांधी से क्यों नहीं मिलने देती?
भाजपाई अपराधियों को क्यों बचा रहे हैं? https://t.co/EvT1yTuE1a
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 19, 2019
उन्होंने सवाल किया, ”जब गांव के लोग प्रियंका जी से मिलकर न्याय की गुहार लगाने का इंतज़ार कर रहे हैं तो गांव के चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा क्यों?”
पिछले दिनों सोनभद्र में जमीन विवाद में एक ग्राम प्रधान ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कथित रूप से दूसरे पक्ष पर गोलीबारी की जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।