देशभर से छात्र और अभिभावक मेडिकल राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) और इंजीनीयरिंग संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) टालने की मांग कर रहे हैं। कोरोना महामारी और कई राज्यों में बाढ़ के प्रकोप के बीच परीक्षा लेने के फैसले पर छात्रों ने चिंता और हैरानी जताई है। वे सरकार और शिक्षा मंत्री से मांग कर रहे हैं कि महामारी के इस भीषण दौर में परीक्षाएं कुछ दिनों के लिए टाली जा सकती हैं। कई छात्र और अभिभावक तो शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के इस्तीफे की भी मांग सोशल मीडिया पर करने लगे हैं। वहीं कई लोगों ने मोदी सरकार को विद्यार्थी विरोधी सरकार कहना शुरू कर दिया है और सोशल मीडिया पर इसे ट्रेंड करा रहे हैं।
Live Gaon Cafe: #NEETJEE परीक्षा विवाद: कोरोना काल में क्या जरूरी हैं परीक्षाएं? https://t.co/HyWRNzbgcT
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) August 27, 2020
दिव्य बिहार के मुजफ्फरपुर में रहते हैं। तीन सितंबर को उनकी जेईई की परीक्षा है। उनका सेंटर उनके घर से दूर है और उनका घर बाढ़ प्रभावित इलाके में है। परिवहन की अनुपलब्धता के कारण उनका सेंटर तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है। साथ ही उन्हें राज्य में लगातार बढ़ रही कोरोना महामारी की चिंता भी सताए हुए है। इस कारण वह ना तो परीक्षा की तैयारी कर पा रहे हैं और ना एकाग्रचित मन से कुछ और भी सोच पा रहे हैं। उनको बार-बार यह साल खराब होने का डर सता रहा है।
बिहार के ही बेगुसराय की आर्या शांडिल्य बीते तीन साल से नीट परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। उनके परिवार के दो सदस्य कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। उनका सेंटर उनके घर से 140 किलोमीटर दूर है जिसके लिए उन्हें कम से कम एक दिन पहले घर से निकलना पड़ेगा। दूसरी जगह जाकर वे कहां रुकेंगी और क्या खायेंगी? यह भी उनके लिए एक बड़ी समस्या है।
उनके पिता को डायबिटीज है। उनके माता, पिता और भाई को 21 दिन से बुखार रहा था और कुछ अन्य सदस्य कोरोना से पीड़ित भी थे। आर्या शांडिल्य को कोरोना तो नहीं है लेकिन घर पर अन्य लोगों को होने के कारण उन्हें भी डॉक्टरों ने घर पर रहने की सलाह दी है। अगर वह किसी सेंटर पर परीक्षा देने जाती हैं तो उन्हें संक्रमित होने का खतरा है साथ ही उस परीक्षा केंद्र के अन्य छात्र भी संक्रमित हो सकते हैं। आपको बता दें कि बिहार के 38 ज़िलों में से केवल दो ज़िलों में ही जेईई का परीक्षा सेंटर बनाया गया है। आर्या बेगुसराय में रहती हैं और उनका सेंटर पटना में पड़ा है।
दिव्य और आर्या की तरह देश के लाखों छात्र- छात्राएं लगातार सोशल मीडिया के जरिये सरकार से परीक्षाएं स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। देशभर में 13 सितंबर को नीट और 1 से 6 सितंबर के बीच जेईई की परीक्षाओं का आयोजन किया जाना है। इस सन्दर्भ में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने एक जरूरी नोटिस जारी कर दिया है जिसके अनुसार अब तिथियों में किसी भी तरह के फेर-बदल की उम्मीद नहीं है।
Only 177.9 km. Gr8 !! @PMOIndia how abt u send me a car or jeep. #AntiStudentModiGovt #PostponeJEE_NEETinCOVID pic.twitter.com/UMLPzNAvft
— Bhawana Preyashi (@theidyllicgal) August 26, 2020
NTA ने परीक्षा के लिए गाइडलाइंस भी जारी की है। सभी परीक्षा केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जाएगा और परीक्षा केंद्रों को परीक्षा से पहले सैनिटाइज किया जाएगा। सभी कैंडिडेट्स की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी व परीक्षा के दौरान कैंडिडेट्स को मास्क और ग्लव्स पहनना होगा। जेईई मेन के एडमिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं। नीट 2020 के एडमिट कार्ड भी जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे। इस साल जेईई के लिए 8 लाख और नीट के लिए 16 लाख से ज़्यादा छात्रों ने रजिस्टर कराया है।
हर साल इन परीक्षाओं का अप्रैल और मई के महीने में आयोजन किया जाता था मगर कोरोना महामारी की बिगड़ती स्थिति के कारण शुरूआत में इसे सरकार द्वारा ही स्थगित कर दिया। हालांकि अब जब कोरोना महामारी देश में अपने चरम पर है, पूरे विश्व में अब भारत रोज प्रतिदिन रिकॉर्ड मरीज वाला देश बन रहे हैं, तब सरकार इसे कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध दिख रही है। यही वजह है कि छात्रों, अभिभावकों, नेताओं के दस लाख से भी अधिक ट्वीट्स के बाद सरकार ने इसको संज्ञान नहीं लिया है।
इन परीक्षाओं को कोरोना काल तक स्थगित किए जाने की मांग लगतार की जा रही है। इस सन्दर्भ में अर्जी दाखिल कर नीट और जेईई के प्रस्तावित एग्जाम को चुनौती दी गई थी लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने परीक्षा आयोजित करने के निर्णय पर केंद्र सरकार की ओर से अलग ही तर्क प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि अभिभावक और छात्र खुद चाहते हैं कि परीक्षा हो और वे इसके लिए लगातार दबाव भी बना रहे हैं।
It’s a clear view of students reaction, Exams over pendamic, I/we don’t want to write Exams in this critical situation, @DrRPNishank @narendramodi #PostponeJEE_NEETinCOVID #AntiStudentModiGovt pic.twitter.com/dT92L3bm1B
— Abhishek Alok 🤗🤗🙏 (@imabcool) August 26, 2020
डीडी न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा, “जेईई के लिए उपस्थित होने वाले 80 प्रतिशत छात्र पहले ही एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं। हम माता-पिता और छात्रों के लगातार दबाव में हैं। वे पूछ रहे हैं कि हम जेईई और एनईईटी की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं। छात्र बहुत चिंतित थे। उनके दिमाग में यह चल रहा था कि वे कितने समय तक सिर्फ तैयारी करेंगे और परीक्षा कब होगी?”
Will JEE, NEET entrance exams be held as per the schedule? Get your answer from Union education minister, @DrRPNishank, on DD News
FULL INTERVIEW: https://t.co/LXtdNwOY94@EduMinOfIndia pic.twitter.com/NSaJN80MTb— DD News (@DDNewslive) August 25, 2020
जहां एक तरफ सरकार अपने फैसले पर अडिग है वहीं देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत कई दलों ने सरकार से कोरोना महामारी के चलते परीक्षा स्थगित करने की मांग की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार को नीट, जेईई परीक्षा के बारे में छात्रों के मन की बात सुननी चाहिए। वहीं एनडीए के घटक दल लोकजन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार को छात्रों की सुननी चाहिए, क्योंकि कोरोना काल में परीक्षा आयोजित करना सही कदम नहीं होगा। यूथ कांग्रेस ने भी इसके खिलाफ प्रदर्शन किया और प्रवेश पत्र जलाए।
IYC members marched to the @EduMinOfIndia and protested the cruel decision to conduct exams putting the lives of countless students at risk.
Govt must postpone all national exams to avert a worse disaster.
GOI’s priority must be safety of our students.#AntiStudentModiGovt pic.twitter.com/EeEUcVHdFX— Youth Congress (@IYC) August 26, 2020
बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सरकार की आलोचना कर एक चेतावनी भी दी है। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा, “अगर हमारी मोदी सरकार NEET/JEE परीक्षा का आयोजन करती है, तो यह 1976 में नसबंदी जैसी बड़ी गलती होगी। भारतीय मतदाता चुपचाप पीड़ित हो सकते हैं, लेकिन उनकी यादें लंबी होती हैं।”
If our Modi Government goes through imposing the NEET/JEE exam now it will be the giant mistake like Nasbandi in 1976 that caused the undoing of Indira government in 1977. Indian voters may suffer silently but have long memories.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 24, 2020
केवल कोरोना महामारी ही नहीं बल्कि बाढ़ और परिवहन कनेक्टिविटी की कमी के चलते छात्र और उनके माता-पिता परेशान हैं। कुछ छात्र ऐसे भी हैं जिन्हे कोरोना हुआ है या हो चुका है, ऐसे में मानसिक तनाव के कारण भी छात्रों के लिए तैयारी कर पाना मुश्किल है। इन छात्रों का कहना है कि परीक्षाएं नवम्बर तक स्थगित की जानी चाहिए, साथ ही साथ परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि आर्या जैसी छात्राएं आसानी से अपने नजदीकी परीक्षा केंद्र तक पहुंच सकें और बिना किसी तनाव और दबाव के परीक्षा दे सकें, जो एक प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए सबसे जरूरी होता है।
शिवांगी गांव कनेक्शन के साथ इंटर्नशिप कर रही हैं।
#NEET एग्जाम के लिए मेरा सेंटर घर से 120 KM दूर है। मेरे घर के 2 लोग #COVID19 संक्रमित हैं, कैसे मैनेज होगा। कुछ लोग कह रहे कि छात्रों की तैयारियां नहीं इसलिए वो एग्जाम स्थगित करने की मांग कर रहे हैं ये दिल तोड़ने वाली बात है-आर्या सांडिल्य, बिहार #WATCH https://t.co/ACkaFrSBO0
— Arvind Shukla (@AShukkla) August 27, 2020
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