शहरी भारत में घट रहा है पारंपरिक विवाह का चलन : संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट

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शहरी भारत में घट रहा है पारंपरिक विवाह का चलन : संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट

लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पारंपरिक विवाह का चलन धीरे-धीरे घट रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के शहरी इलाकों में अब पारिवारिक सहमति से पारंपरिक विवाह (अरेंज मैरिज) की जगह लड़का-लड़की की पहल पर परिवार की रजामंदी से होने वाले विवाह (सेमी अरेंज मैरिज) लेते जा रहे हैं। इसकी वजह से वैवाहिक हिंसा में भी कमी आ रही है।

संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक और परिवार नियोजन जैसे अहम फैसलों में अब महिलाओं के विचारों को ज्यादा अहमियत दी जाने लगी है। "प्रोग्रेस ऑफ दी वर्ल्ड वीमन 2019-2020: फेमलीज इन अ चेंजिंग वर्ल्ड" नाम से प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पारंपरिक विवाह (अरेंज मैरिज) अब भी समान्य बना हुआ है। कई बार तो ऐसा होता है कि लड़की को शादी के दिन पता होता है कि लड़का कौन है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के शहरी क्षेत्रों में पारंपरिक विवाह में परिवार और माता-पिता की भूमिका धीरे-धीरे सीमित होती जा रही है। समय बीतने के साथ इस प्रथा की जगह लड़का-लड़की की पहल पर परिवार की रजामंदी से होने वाले विवाह (सेमी अरेंज मैरिज) जगह ले रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महिला विंग की कार्यकारी निदेशक फूमजिले म्लाम्बो नगूका ने कहा कि दुनिया भर में हम इस बात की कोशिश के गवाह बन रहे हैं कि महिला एजेंसी को खारिज किया जाए और उनके अपना फैसला लेने के अधिकार को पारिवारिक मूल्यों के संरक्षण के नाम पर खारिज किया जाए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिणी-पूर्वी एशिया, सहारा अफ्रीका, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में विवाह व्यापक वैश्विक और सामाजिक अनिवार्यता है। इन देशों में अपना साझेदार चुनना व्यक्तिगत नहीं बल्कि विस्तृत परिवारिक और सामाजिक फैसला होता है।

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