लोकसभा में पास होने के बाद तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश हुआ। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 बिल को पेश करते हुए कहा कि यह बिल मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के मकसद से लाया गया है। इसलिए इसे किसी राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक फैसले में इस प्रथा पर रोक लगाने के बावजूद तीन तलाक की प्रथा जारी है। उन्होंने कहा, “इस मुद्दे को राजनीतिक चश्मे या वोट बैंक की राजनीति के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। यह मानवता का सवाल है। यह महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी गरिमा तथा अधिकार सुनिश्चित करने के लिए पेश किया गया। इससे लैंगिक गरिमा एवं समानता भी सुनिश्चित होगी।”
‘रोटी काली हो गयी तो तीन तलाक’
‘पत्नी ने सब्जी के लिए पैसा तो मांगा तीन तलाक’
‘पत्नी ने अश्लील वीडियो बनाने का विरोध किया तो तीन तलाक’
तीन तलाक बिल को सियासत के चश्मे से न देखा जाये, ये इंसानियत, इंसाफ और मानवता का सवाल है: श्री @rsprasad, राज्यसभा में https://t.co/9x70vkkF3y pic.twitter.com/d2glJ67O2B
— BJP (@BJP4India) July 30, 2019
सरकार के सहयोगी जेडीयू ने किया सदन से वॉकआउट
हालांकि यह बिल जितने आसानी से लोकसभा में पास हुआ, राज्यसभा में भी पास हो जाएगा, ऐसा नहीं लगता। केंद्र और बिहार में सरकार की सहयोगी जेडीयू ने इस बिल का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया। वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को इस बिल के वोटिंग के दौरान सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
अमित शाह ने दिया सांसदों को उपस्थित रहने का निर्देश
शाह ने बीजेपी सांसदों से मंगलवार को सदन में मौजूदगी सुनिश्चित करने का आदेश देते हुए कहा कि इस बिल को अधिक से अधिक सदस्यों का समर्थन प्राप्त होना चाहिए। बीजेपी संसदीय दल की बैठक में अमित शाह ने कहा कि बिल पर मत विभाजन के समय सांसदों की मौजूदगी जरूरी है।
शाह ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय आयुर्वज्ञिान आयोग विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि इसे 260 के मुकाबले 48 मतों से पारित किया गया जबकि यह अंतर बड़ा हो सकता था। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री समेत बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व बार-बार सांसदों की संसद में मौजूदगी सुनिश्चित करने पर जोर देता रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अब तक संसद में 15 विधेयक पारित हुए हैं। लोकसभा में छह विधेयक पारित हुए हैं और इन्हें राज्यसभा की मंजूरी मिलनी बाकी है। चार विधेयक राज्यसभा में पारित हुए हैं जिन्हें लोकसभा की मंजूरी मिलनी बाकी है।
उन्होंने कहा कि 11 और विधेयक लंबित हैं जिन्हें आने वाले दिनों में संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाना है। जोशी ने कहा कि हम सांसदों से आग्रह करते हैं कि वे देर तक बैठें ताकि विधेयकों को पारित किया जा सके।