आप जब अब्दुल कादिर की कैब में प्रवेश करते हैं, तो लगता ही नहीं कि आप किसी सामान्य कैब में जा रहे हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए उन्होंने सवारियों के लिए अपनी कैब में सैनिटाइज़र, मास्क, ज़रूरी दवाइयां, साबुन और डस्टबिन रखे हुए हैं, जो की आपको पिछली सीट पर अलग-अलग जगहों पर टंगे मिल जाएंगे। इसके अलावा आपको इस कैब में ज़रूरत के सभी सामान जैसे पानी की बोतल, कोल्ड ड्रिंक, जूस, नमकीन, क्रीम, टिश्यू पेपर, बिस्किट, कलम, कॉपी आदि सब मिल जाएंगे। अगर आप किसी जरूरी काम या किसी इंटरव्यू के लिए बाहर निकलते हैं और जल्दी-जल्दी में घर से कोई जरूरी सामान लेना भूल जाते हैं, तो आप यहां से ले सकते हैं। अब्दुल इन सबके लिए कोई एक्स्ट्रा पैसे नहीं लेते, यानी ये सामान सवारी के इस्तेमाल के लिए बिल्कुल ही मुफ्त है।
अब्दुल देश की राजधानी दिल्ली में कैब चलाते हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए महानगरों और बड़े शहरों में कैब से चलना मध्यम वर्गीय लोगों की ज़रूरत बन गयी है। इस ज़रूरत को कैब ड्राइवर अब्दुल क़ादिर ने एक अनुभव में बदल दिया है। उनकी कैब सभी तरह से सुविधाओं से लैस है और स्वास्थ्य, स्वच्छता और आपातकालीन प्रबंधन के सभी मानको को पूरा करती है।
Abdul Qadeer @Uber_India made my day! Impressed by his innovative and winning ways! There are so many things to learn and look out for in his cab, including snippets on ‘Humanity’ and ‘Religious Harmony’.
My best drive @Uber.
DELHI peeps, hope you get to ride with Abdul soon!💛 pic.twitter.com/gMM6JOwyJ6— Pri | پرینکا (@PriyankaSamy) October 28, 2020
सवारी को बेहतर सुविधाएं देना है फ़र्ज़
अब्दुल की कहानी अब तक कई लोगों से अनजान थी। प्रियंका नाम की ट्विटर यूजर ने हाल ही में अब्दुल की कैब में सवारी की। उन्होंने अब्दुल की दिलचस्प कैब की तस्वीरें दुनिया के साथ साझा कीं, जिसके बाद से सोशल मीडिया पर इस कैब ड्राइवर की तारीफें हो रही हैं। अब्दुल की गाडी में इमरजेंसी की सभी चीज़ें रखी हैं। फोटो में आप देख सकते हैं उनकी कैब में खाने-पीने का सभी सामान मौजूद है।
गाँव कनेक्शन से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस सबकी शुरुआत पानी की बोतल से हुई। फिर धीरे- धीरे वो सवारियों के लिए खाने-पीने का सामान रखने लगे। खाने-पीने के अलावा आपको अब्दुल की कैब में रोज़ का अख़बार, छाता, स्टेपलर, तेल, पाउडर, परफ्यूम जैसे ब्यूटी प्रोडक्ट भी मिल जाएंगे। अब्दुल अपने कैब का दुल्हन जैसा ध्यान रखते हैं। उन्होंने कैब के अंदर रंगीन एलईडी लाइटें भी लगाई हैं। वह कैब को हमेशा साफ़ रखते हैं, जिसके लिए अब्दुल ने कैब में चारों तरफ भी डस्टबिन टांग रखे हैं। उनकी कैब मे पंखे भी लगे हैं।
अब्दुल ने गाँव कनेक्शन को बताया,”मैं सवारियों को बेहतर सहूलियत देना चाहता हूं। अगर मैं लोगों को खुश करने के लिए अपना थोड़ा प्रयास कर सकता हूं, तो मुझे क्यों नहीं करना चाहिए?” उन्होंने बताया कि वो इन सुविधाओं और सहूलियतों का खर्चा अपनी जेब से भरते हैं। अब्दुल ने पिछली सीट पर फीडबैक डायरी भी रखी है ताकि उनकी कैब में बैठने वाले लोग उनसे अपना अनुभव साझा कर सकें और उसे बेहतर बनाने के नए तरीके भी सुझाएं।
सैनिटाइजर, मास्क, दवाई, डस्टबिन- इस कैब में आपको मिल जाएगा सब-कुछ। @Uber_India This cab driver named #AbdulQuadir is awesome. @Uber @Uber_Support
Video- @shivangi441 pic.twitter.com/HEevgmrSYz— Daya sagar (@DayaSagar95) November 3, 2020
लोगों को नहीं भाया अब्दुल का शांति सन्देश
अब्दुल ने अपनी कैब के ज़रिए एक नई पहल की शुरुआत की है। वक्त-बे-वक्त वो अपनी कैब में शान्ति और मानवता से जुड़े विचार लिखकर लगाते हैं।
हाल ही में उन्होंने अपने कैब में एक पोस्टर लगाया जिस पर उन्होंने लिखा था, ‘हम हर धर्म का सम्मान करते हैं। हम कपड़ों के आधार पर किसी भी धर्म की पहचान नहीं कर सकते हैं। विनम्र अपील- हमें एक-दूसरे के प्रति विनम्र होना चाहिए।’
इसके पीछे की वजह जानने पर अब्दुल ने गांव कनेक्शन को बताया कि उन्होंने ऐसा कुछ नेताओं के बयान के बाद किया था, जो कपड़ों के आधार पर किसी की जाति, धर्म, मजहब और उसके हिंसक होने की प्रवृत्ति को पहचानते हैं। लेकिन अब्दुल का यह संदेश इस बात को नकारता है और मानवता को प्रोत्साहित करता है।
कैब में इस सन्देश को लगाने के बाद अब्दुल को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। जहाँ कई लोग उनकी प्रशंसा कर रहे है तो कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने इस पर आपत्ति जताई है। अब्दुल ने गांव कनेक्शन से बताया, “मै अपनी जेब का पैसा खर्च करके सवारियों के लिए सामान लाता हूँ। इसका मुझे कोई एक्स्ट्रा पैसा नहीं मिलता और ना ही कोई एक्स्ट्रा सवारियां। लोग पानी की बोतल भी छुपाकर रखते हैं। मै जैसे ही पानी की बोतल ख़त्म होती है नई बोतल लाकर रखता हूँ। बजाए इसके लोग पोस्टर पर उंगली उठा रहे हैं।”
कोविड का समय है इसलिए कमाई भी कम हो गयी है। फिर भी अब्दुल रोज़ नया सामान लाकर रखते हैं। “अपनी जेब से अब समान लाना मुश्किल हो गया है लेकिन फिर भी किसी तरह मैनेज कर रहा हूँ। सवारी की ख़ुशी में ही मुझे ख़ुशी मिलती है।”
ऐसे में लोगों का उनके लिखे विचार से एतराजगी दिखाना, अब्दुल को ठेस पहुंचाता है। लोगों से मिल रही आलोचनाओं के चलते उन्होंने इस लिखे हुए विचार को कैब से हटा लिया। हालांकि वह मानते हैं कि लोगों तक सही बात पहुँचाना उनका कर्त्तव्य है।
अब्दुल रोज़ कुछ नया सीखने की कोशिश करते हैं। उनकी बेटी भी उन्हें अपनी सेवाओं में सुधार करने के नए तरीके बताती रहती है।
कभी नहीं की कैब कैंसिल
अब्दुल पुरानी दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। कैब चलाने से पहले वह पुरानी दिल्ली की किसी मुगलई दुकान में काम किया करते थे। चूल्हे से निकलने वाले धुएं के कारण उन्हें सांस लेने में गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता था जिसके बाद डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने वह काम छोड़ दिया।
साल 2016 से वह उबर के साथ जुड़े। केवल यही नहीं, अब्दुल की सुर्ख़ियों में रहने की वजह कुछ और भी है। अब्दुल ने इन चार सालों में कभी कैब कैंसिल नहीं की है। उबर एप पर उनकी रेटिंग 4.88 है व 96 प्रतिशत एक्सेप्टेन्स रेट रहा है।
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