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IAS, PCS, IIT, NDA और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त तैयारी कराएगी उत्तर प्रदेश सरकार

राज्य सरकार का कहना है कि इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र की ग़रीब प्रतिभाओं को लाभ मिलेगा, जो कि बढ़ते कॉम्पटीशन और संसाधनों की कमी के कारण सरकारी नौकरियों में अपनी जगह नहीं बना पाते हैं।
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उत्तर प्रदेश सरकार, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले ग्रामीण क्षेत्र के ग़रीब और पिछड़े वर्ग की प्रतिभाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत आईएएस, पीसीएस, आईटी-जी, नीट, एनडीए, सीडीएस, बैंक पीओ, एसएससी, बीएड, टीईटी और केंद्र व राज्य सरकार की अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी।

ग्रामीण क्षेत्र और कम आय वाले परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापरक तैयारी सुनिश्चित कराने के लिए यह योजना 16 फरवरी, 2021 से चालू होगी। पूरी तरह से निःशुल्क इस योजना के तहत चयनित छात्रों का प्रशिक्षण, ऑनलाइन क्लास और सलाह दी जाएगी। राज्य के हर मंडल से 500 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। अगर किसी मंडल में अधिक संख्या में विद्यार्थी इस योजना के लिए आवेदन करते हैं, तो फिर छात्रों का चयन परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि इस योजना के लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों व अन्य राजकीय कॉलेजों में तैयारी के लिए प्रशिक्षण केंद्र विकसित किए जाएंगे। इन केंद्रों पर ऑनलाइन व ऑफलाइन तैयारी के लिए संसाधन, क्लास, कंप्यूटर क्लास, क्वेश्चन बैंक, पत्रिकाएं, पुराने प्रश्न पत्र, प्रश्नोत्तरी आदि उपलब्ध होंगे और इसके लिए एक वेबसाइट भी तैयार होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उस वक्त ही ऐसी योजना बनाने का निर्णय लिया था, जब उनकी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान प्रयागराज और राजस्थान के कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग कर रहे 30 हजार युवाओं को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया गया था। ताकि भविष्य में प्रदेश के युवाओं को कोचिंग के लिए अपने जिले या प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़े। इस योजना के पहले चरण में प्रदेश के 18 मंडल मुख्यालयों पर अभ्युदय कोचिंग शुरू होगी।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश से करीब 4 से 5 लाख छात्र यूपीएससी, विभिन्न राज्यों के पीसीएस, जे ई ई, नीट आदि परीक्षाओं में शामिल होते हैं। इसमें से ज्यादातर बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं।

उत्तर प्रदेश अकादमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट (UPAAM-उपाम), इन प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन का प्रबंधन करेगा। तैयारी कराने के लिए अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा। इन प्रशिक्षण केंद्रों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में छात्र शामिल हों, इसके लिए राज्य सरकार एक सॉफ्टवेयर भी विकसित कर रही है। तैयारी और प्रशिक्षण के लिए एक विशेष कैलेंडर भी तैयार किया जाएगा, जो परीक्षाओं की तारीखों के अनुसार निर्धारित होगा।

राज्य के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने इस योजना के क्रियान्वयन, प्रशिक्षु अधिकारियों के मार्गदर्शन, अतिथि प्रवक्ताओं के चयन और योजना के लिए वित्तीय व्यवस्था आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तैयारी करने के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों, प्रशिक्षु अधिकारियों और कर्मचारियों की भी सेवाएं ली जाएंगी। खासकर उन युवाओं को भी तैयारी कराने का दायित्व दिया जाएगा, जो हाल ही में प्रतियोगी परीक्षा पास कर सरकारी सेवाओं में आए हैं।

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