उत्तर प्रदेश : गॉंवों में सामुदायिक शौचालयों की खास तैयारी, समूह की महिलाएं संभालेंगी नियमित साफ-सफाई का जिम्मा

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उत्तर प्रदेश : गॉंवों में सामुदायिक शौचालयों की खास तैयारी, समूह की महिलाएं संभालेंगी नियमित साफ-सफाई का जिम्मा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी गांवों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया जा रहा है। इन शौचालयों के देखरेख के लिए स्वयं सहायता समूह की एक महिला को चुना जाएगा, जिसे हर महीने 6,000 रुपए का मानदेय दिया जाएगा जिससे वो आर्थिक रूप से और मजबूत हो सकें।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 अक्तूबर को अपने सरकारी आवास पर राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान/वित्त आयोग, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) व मनरेगा कन्वर्जेंस के अन्तर्गत 7,053.45 करोड़ रुपये की कुल लागत के 18,847 सामुदायिक शौचालयों और 377 पंचायत भवनों का लोकार्पण तथा 35,058 सामुदायिक शौचालयों व 21,414 पंचायत भवनों का शिलान्यास वर्चुअल माध्यम से किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में लगभग 59,000 ग्राम पंचायतें हैं, जहां सामुदायिक शौचालय बन रहे हैं। इन सामुदायिक शौचालयों में नियमित साफ-सफाई के लिए स्वयं सहायता समूह में से किसी एक महिला का चयन कर उसे 6,000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा।


वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अलीगढ़, गोरखपुर, ललितपुर, प्रयागराज और मीरजापुर के ग्राम प्रधानों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्सेफेलाइटिस से होने वाली मौत के आकड़ों में 95 प्रतिशत की कमी आयी है। इसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत कराये गये कार्यों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। ग्रामीण अंचलों में पंचायत भवन एवं सामुदायिक शौचालयों का निर्माण होने से महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज का सपना साकार हुआ है। ग्राम पंचायतों में बनने वाले पंचायत भवनों को मिनी सचिवालय के रूप से विकसित किया जाएगा। इन भवनों को आप्टिकल फाइबर से संबद्ध करते हुए गांव में ही बैंक, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी मुहैया कराई जाएगी।

यूपी में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत दो करोड़ इकसठ लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालय बनाये गये हैं। आगामी 100 दिन के भीतर प्रदेश के सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने को कार्य योजना तैयार की गई है। डार्क जोन में भी स्वच्छ पेयजल की उपलब्ध कराने को कार्य योजना बनाई जा रही है।

केंद्रीय पंचायती राज ग्रामीण विकास एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र ताेमर ने कहा कि गांव हमारी अर्थव्यवस्था की नींव हैं। यह नींव मजबूत रहेगी तो बड़े से बड़े संकट से भी हम आसानी से पार पा सकेंगे। केंद्र सरकार गांव, गरीब और किसान को केंद्र में रखकर कई योजनाएं चला रही हैं। इन सबका उद्देश्य एक ही है कि गांवों को सशक्त और आत्म निर्भर बनाना। ग्राम पंचायतों में बजट के आवंटन में भी इस पर ध्यान दिया गया है।

वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कई ग्राम प्रधान और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बात की.

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत को ओडीएफ बनाने का जो संकल्प दो अक्टूबर 2014 को लिया गया था, उसे उत्तर प्रदेश ने समय से पूर्व प्राप्त किया है। 'स्वच्छ भारत मिशन' के माध्यम से जल जनित रोगों में कमी आयी है। इससे देश में मेडिकल पर होने वाले खर्च में काफी कमी दर्ज की गयी है।

पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने कहा कि प्रदेश में पंचायतीराज विभाग पूरी सक्रियता के साथ कार्य कर रहा है। स्वच्छता व मनरेगा के कार्याें में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।

प्रदेश के सभी जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वह पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय सहित अन्य विकास योजनाओं के अंतर्गत जनहित में निर्मित योजनाओं एवं परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा कराना सुनिश्चित करें।

वर्चुअल कार्यक्रम में पंचायती राजमंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी, राजेन्द्र प्रताप सिंह, ग्राम्य विकास मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मुख्य सचिव आरकेतिवारी, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, निदेशक पंचायती राज किंजल सिंह, सूचना निदेशक शिशिर सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


   

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