"पहले बच्चा खोया, अब पुलिस ने हम लोगों पर ही दर्ज किया मुकदमा"
पानी और चिकित्सकीय सुविधाओं की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया था सड़क जाम, पुलिस ने 39 ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
गाँव कनेक्शन 25 Jun 2019 12:42 PM GMT

वैशाली(बिहार)। चमकी बुखार से अपने बच्चों को खोने वाले ग्रामीणों पर दोहरी मार पड़ी है। सड़क जाम करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में बिहार के वैशाली जिले के हरिबंशपुर के 39 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
वैशाली जिले के हरिबंशपुर गाँव में चमकी बुखार से करीब एक दर्जन बच्चों की मौत हो गई है। बच्चों की मौत के बाद भी कोई जनप्रतिनिधि या सरकारी अफसर गाँव नहीं पहुंचा। इस बात को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त था। 18 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मरीज़ों का हाल जानने के लिए मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल का दौरा करने गए थे।
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Bihar: Relatives of persons against whom FIR has been registered say ,"Our children have died. We did road gherao, but administration has filed FIR against us. Men against whom FIR has been registered have left the village & gone away. They were the only breadwinners." pic.twitter.com/E0hEhmYwKH
— ANI (@ANI) June 25, 2019
ग्रामीण राजेश ने बताया, " हमें सूचना मिली थी कि 18 जून को नीतीश कुमार सड़क के रास्ते मुजफ्फरपुर जा रहे हैं। हम ग्रामीण सड़क पर चले गए और नीतीश कुमार का इंतजार करने लगे। हम लोग अपने गाँव की समस्या नीतीश कुमार को बताना चाह रहे थे। हम लोगों ने गाँव में पीने का पानी, बुखार से इलाज की मांग के लिए विरोध प्रदर्शन किए थे। पहले हमने अपने बच्चों को खोया, अब पुलिस हम पर ही मुकदमा दर्ज कर दी है।"
पुलिस ने रोज जाम करने के आरो में 19 नामजद और 20 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। फिलहाल ग्रामीण डरे हुए हैं। इस गाँव की महिलाएं पहले ही अपने बच्चों को लेकर अपने रिश्तेदारी में चली गई हैं। गाँव में सिर्फ बूढ़े और जवान लोग ही बचे हैं।
थाना भगवानपुर के प्रभारी संजय कुमार ने बताया, " ग्रामीणों ने 18 जून को करीब 3 घंटे सड़क जाम कर दिया था। हजारों वाहन जाम में फंस गए थे। इस दौरान लोगों को काफी परेशानी भी हुई। सड़क जाम करना एक अपराध है। उसी के आधार पर ग्रामीणों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। "
रोड जाम करना एक अपराध है. हमने उसी आधार पर केस दर्ज किया है. ऊपर से आदेश था. बाद में हालांकि हमारे ही कहने पर गाँव वालों ने रास्ता खाली भी किया, लेकिन क़रीब तीन घंटे तक रोड जाम रहा."
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