आत्मनिर्भर आर्थिक पैकेज: किसानों के लिए 11 महत्वपूर्ण घोषणाएं, कृषि के बुनियादी ढांचे पर जोर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'आत्मनिर्भर आर्थिक पैकेज' में किसानों के लिए 11 महत्वपूर्ण घोषणाएं की, जिसमें उन्होंने कृषि के आधारभूत ढांचे के विकास पर जोर दिया।
#NirmalaSitharaman

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। इसमें उन्होंने किसानों और प्रवासी मजदूरों के लिए राहत पैकेज के बारे में बारीकी से जानकारी दी। वित्त मंत्री के साथ केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘आत्मनिर्भर आर्थिक पैकेज’ में किसानों के लिए 11 महत्वपूर्ण घोषणाएं की, जिसमें उन्होंने कृषि के आधारभूत ढांचे के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा लॉकडाउन के दौरान न्यूनतम साझा मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से 74,300 करोड़ रूपये का आनाज खरीदा गए और पीएम किसान फंड के जरिये 18700 करोड़ रूपये किसानों के खाते में भेजे गए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कृषि के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार एक लाख करोड़ रूपये देगी। ये एग्रीग्रेटर्स, एफपीओ, प्राइमरी एग्रीकल्चर सोसाइटी, कोल्ड स्टोरेज आदि के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को तत्काल लागू किया जा रहा है। इसकी घोषणा बजट के दौरान की गई थी। इस योजना के तहत मछुआरों को नई नौकाएं दी जाएंगी और करीब 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। वित्त मंत्री ने उम्मीद जताया कि अगले 5 साल में 70 लाख टन अतिरिक्त मछली का उत्पादन होगा।

पशुओं में खुरपका और मुंहपका बीमारियों को दूर करने के लिए उनका 100 फीसदी टीकाकरण होगा। इससे दूध के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। जनवरी 2020 तक 1.5 करोड़ गाय, भैंसों का टीकाकरण किया गया। लॉकडाउन के दौरान भी ग्रीन जोन में यह काम जारी है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डेयरी प्रसंस्करण और कैटल फीड प्रोडक्शन निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का फंड जारी किया जाएगा। सरकार प्रसंस्करण प्लांट लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन देगी।

हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये सरकार देगी, वहीं मधुमक्खी पालन के लिए भी 500 करोड़ का फंड दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान सप्लाई चेन प्रभावित हुई है और इससे किसानों को घाटा हुआ है। इसलिए सरकार फल, सब्जियों को खेतों से बाजार तक लाने के लिए और खराब होने से बचाने के लिए अगले 6 महीने तक 500 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट करेगी। 

जिंस एक्ट 1955 में बदलाव होगा। यह देश में तब लागू हुआ था, जब देश में फसलों का उत्पादन बहुत कम होता था। लेकिन अब देश में प्रचुर उत्पादन होता है और हम निर्यात करते हैं। इसलिए इस कानून में बदलाव करके अनाज, तिलहन, प्याज, आलू आदि को इससे मुक्त किया जाएगा।

अब एक केंद्रीय कानून आएगा जिससे किसान अपने उत्पाद को आकर्षक मूल्य पर दूसरे राज्यों में भी बेच सकेंगे। गौरतलब है कि जिंस एक्ट 1955 के तहत अभी अंतर—राज्य व्यापार पर रोक है। अभी किसान सिर्फ लाइसेंसी व्यापारी को ही अपना उत्पाद बेच सकता है। अगर वह किसी को भी बेच सके तो उसे मनचाही कीमत मिलेगी।

खबर अपडेट हो रही है…

Recent Posts



More Posts

popular Posts