शनिवार सुबह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सत्र 2020-21 के लिए बजट पेश किया। इस बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99 हजार 300 करोड़ रुपये की बजट का प्रस्ताव रखा गया है। वहीं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत 3000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है।
इससे पहले जब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट के दौरान जुलाई, 2019 में जब निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया था तो शिक्षा के क्षेत्र में कुल 94 हजार 854 करोड़ रुपये दिए गए थे। इस हिसाब से पिछले साल की तुलना में शिक्षा बजट 4.75 फीसदी (लगभग 5000 करोड़ रुपये) अधिक हैं।
हालांकि बजट से पहले उम्मीद की जा रही थी कि यह बढ़ोतरी 5 फीसदी से 10 फीसदी तक हो सकती है क्योंकि देश में नई शिक्षा नीति लागू होना है, जिसमें शिक्षा के मद में खर्च बढ़ाने की बात की गई है। बजट भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई शिक्षा नीति जल्द ही लागू की जाएगी।
वित्त मत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत दुनिया के छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए सुविधाएं बेहतर की जाएंगी। वहीं भारत के छात्रों को भी एशिया, अफ्रीका के देशों में अध्य्यन के लिए जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरी के लिए उन्होंने विदेशी व्यावसायिक ऋण (ECB) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को भी बढ़ावा देने की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने हर जिला अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की बात कही। वित्त मंत्री ने कहा कि 2030 तक भारत विश्वभर में सबसे अधिक कार्यशील जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। इसलिए साक्षरता के साथ-साथ रोजगार एवं जीवन कौशल की जरूरत है।
सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा कि सत्र 2020-21 में 150 उच्च शैक्षणिक संस्थान अप्रेंटिसशिप इम्बेडेड डिग्री और डिप्लोमा कोर्स शुरू करेंगे। सरकार एक कार्यक्रम भी शुरू करेगी, जिसके द्वारा देशभर के शहरी स्थानीय निकाय नए इंजीनियरों को अधिकतम एक वर्ष की अवधि तक इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेंगे।
समाज के वंचित वर्गों के छात्रों की उच्च शिक्षा तक पहुंच पहुंचे इसके लिए उन्होंने डिग्री स्तर का सुव्यवस्थित ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू की जाने की घोषणा की। हालांकि, ऐसे पाठ्यक्रम देश के शीर्ष 100 शैक्षणिक संस्थानों में ही शुरु होंगे।
सीतारमण ने कहा कि विदेश में शिक्षकों, नर्सों और चिकित्सीय कर्मचारियों की अत्यधिक मांग है। इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विशेष सेतु पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। बजट में एक राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और एक राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय का भी प्रस्ताव किया गया है।
आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना को बजट में 1313 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वहीं खेलो इंडिया के बजट को भी 578 करोड़ से बढ़ाकर 890 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए शुरु की गई नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वकांक्षी मुद्रा योजना को 500 करोड़ रुपये का बजट प्रदान किया गया है। इससे पहले 2019-20 के सत्र में इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की बजट की स्वीकृति दी गई थी। मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का बजट ना बढ़ना हैरानी का विषय है। वहीं एक अन्य लोन योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को बजट में 2500 करोड़ रुपये का मद प्रदान किया गया है, जो कि पिछले साल की बजट से मात्र 36 करोड़ रुपये अधिक है।
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